अधिवक्ता ने महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल को पत्र लिखकर कंगना रनौत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की सहमति मांगी

LiveLaw News Network

27 Oct 2020 9:57 AM GMT

  • अधिवक्ता ने महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल को पत्र लिखकर कंगना रनौत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की सहमति मांगी

    मुंबई स्थित एक वकील ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता एए कुंभकर्णी को पत्र लिखकर न्यायपालिका (मजिस्ट्रेट कोर्ट) को कथित तौर पर न्यायपालिका की छवि धूमिल करने वाले ट्वीट के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की सहमति मांगी है।

    एडवोकेट अली काशिफ खान देशमुख के अनुसार, बांद्रा की एक अदालत द्वारा आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए,124ए आर/डब्ल्यू 34 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने पर अभिनेत्री द्वारा किए गए ट्वीट पर अवमानना कार्रवाई की जानी चाहिए।

    "नवरात्रों पर सभी व्रत कौन कर रहे हैं? आज के जश्न से क्लिक की गई तस्वीर क्योंकि मैं भी उपवास कर रही हूं, इस बीच मेरे खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज, महाराष्ट्र में पप्पू सेना मुझ पर बौखलाई लगती है।".

    अधिवक्ता अली ने न्यायालयों की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15 और बंबई उच्च न्यायालय नियमावली, 1960 की धारा 5 सी के तहत अवमानना शुरू करने के लिए सहमति मांगी। वह पहले ही अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष 33 वर्षीय अभिनेत्री के खिलाफ हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मनमुटाव पैदा करने और न्यायपालिका की कथित खिल्ली उड़ाने के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज करा चुके हैं । वकील ने अभिनेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121, 124ए, 153ए, 153बी, 295A, 298 और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

    वकील ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल दोनों ही " धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को दुर्भावनापूर्ण ढंग से फैला/बढ़ावा दे रही हैं और शरारतपूर्ण ढंग से और घृणित पोस्ट के माध्यम से देश में सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल कृत्य कर रही हैं, जो अपने धर्म या धार्मिक भावनाओं/भावनाओं का अपमान करके एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं/विशेष रूप से इस्लाम, मुसलमानों के खिलाफ अपमानित करने के इरादे से तुच्छ, अपमानजनक और मानहानिकारक पोस्ट कर रही हैं ।

    कंगना द्वारा "मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बदल रहा है" और "शूटिंग मुल्लाओं और धर्मनिरपेक्ष मीडिया" के बारे में रंगोली द्वारा ट्वीट्स का उल्लेख अधिवक्ता ने किया है, जिन्होंने एडवोकेट जनरल को भेजे पत्र में सभी ट्वीट्स को प्रदर्श के रूप में भी संलग्न किया है ।

    पत्र में यह भी कहा गया है,

    "यह ध्यान रखना प्रासंगिक है कि उक्त दुर्भावनापूर्ण ट्वीट्स ने हमारे देश, पुलिस, अधिकृत सरकारी निकायों, कार्यकारी मशीनरी को भारत में कानूनों द्वारा स्थापित किया जा रहा है और देश में गंभीर हंगामा पैदा किया है जिसने न सिर्फ मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है बल्कि मुंबई पुलिस, उसके सेवानिवृत्त अधिकारियों, मुंबई निवासी, और सभी देशवासियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। कंगना लगातार देश के लोगों के मन में भय और दहशत पैदा कर रहा है, अधिक विशेष रूप से मुंबई के लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से या प्रत्यक्ष रूप से इसे आतंकवादी स्थान/हब करार देकर।"

    यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि कंगना का देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है, वह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच देश में घृणा का माहौल पैदा करने वाले दुर्भावनापूर्ण इरादों और गलत इरादों के साथ बार-बार जोरदार ढंग से काम रही है, जिससे देश की अखंडता के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।

    पत्र डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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