2008 Malegaon Blast Case: NIA कोर्ट में पेश होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जारी जमानती वारंट रद्द
Shahadat
1 Feb 2025 5:41 PM IST

पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद और 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी- प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को स्पेशल NIA कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में उनका 'खराब स्वास्थ्य' तत्कालीन कांग्रेस सरकार के तहत महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) द्वारा उन्हें दिए गए 'यातना' के कारण है।
स्पेशल कोर्ट ने नवंबर, 2024 में ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, क्योंकि वह जून 2024 से अदालत के समक्ष पेश नहीं हुई थीं।
स्पेशल जज एके लाहोटी के आदेश के अनुसार, भोपाल की पूर्व सांसद शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश हुईं। उन्होंने जज को अपनी स्वास्थ्य स्थितियों से अवगत कराया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब है, क्योंकि ATS के अधिकारियों ने उन्हें बहुत अधिक यातना दी।
उनकी व्यक्तिगत रूप से सुनवाई करने के बाद जज ने उन्हें फरवरी के पहले सप्ताह में अगली तारीख पर फिर से अदालत में आने के लिए कहा। चूंकि वह व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुई थी, इसलिए जज ने उसके खिलाफ जारी जमानती वारंट रद्द कर दिया।
29 सितंबर, 2008 को हुए मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जब उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित मालेगांव शहर में मस्जिद के पास मोटरसाइकिल से जुड़े विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया था।
शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते द्वारा जांच की गई। बाद में 2011 में मामले को NIA को सौंप दिया गया।
ठाकुर छह अन्य लोगों के साथ आईपीसी, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, भारतीय शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले का सामना कर रहे हैं। अदालत वर्तमान में CrPC की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है।