1997 के हिरासत में यातना का मामले गुजरात कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बरी किया

Shahadat

9 Dec 2024 10:40 AM IST

  • 1997 के हिरासत में यातना का मामले गुजरात कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बरी किया

    पिछले सप्ताह गुजरात के पोरबंदर जिला कोर्ट ने 1997 के हिरासत में यातना के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बरी कर दिया।

    भट्ट को बरी करते हुए एडिशनल चीफ न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश पंड्या ने कहा कि अभियोजन पक्ष "उचित संदेह से परे मामले को साबित नहीं कर सका"। पोरबंदर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) भट्ट पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा उचित मंजूरी नहीं ली गई।

    भट्ट वर्तमान में राजकोट जेल में हैं। वह पहले से ही जामनगर में 1990 के हिरासत में मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। पालनपुर में राजस्थान के वकील को फंसाने के लिए ड्रग्स रखने से संबंधित 1996 के मामले में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं।

    भट्ट पर भारतीय दंड संहिता की धारा 330 और 324 के तहत आरोप लगाए गए। यह आरोप नारन जाधव नामक व्यक्ति ने लगाया था। जाधव ने भट्ट पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकवादी और विध्वंसकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (TADA) और शस्त्र अधिनियम के तहत पुलिस हिरासत में कबूलनामा करवाने के लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। जाधव 1994 के हथियार बरामदगी मामले में 22 आरोपियों में से एक थे।

    अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 जुलाई 1997 को पुलिस दल ने जाधव को अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से ट्रांसफर वारंट के तहत पोरबंदर में भट्ट के घर स्थानांतरित किया था। इसी दौरान जाधव को बिजली के झटके देकर प्रताड़ित किया गया। बाद में जाधव ने भट्ट के कहने पर उनके साथ किए गए कथित अत्याचार के संबंध में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष औपचारिक शिकायत की। इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जांच का आदेश दिया।

    भट्ट के खिलाफ सबूतों के आधार पर दिसंबर 1998 में मामला दर्ज किया गया और भट्ट तथा पुलिस कांस्टेबल चौ को समन जारी किया गया। 2013 में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में चौ की मौत के बाद उनके खिलाफ मामला खत्म हो गया।

    इस साल मार्च में गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर की एक सत्र अदालत ने 1996 के ड्रग प्लांटिंग मामले में भट्ट को 20 साल की सजा सुनाई। भट्ट पर कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार के साथ 2002 के गुजरात दंगों के मामलों के संबंध में कथित तौर पर सबूत गढ़ने के मामले में भी FIR दर्ज है।

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