"आप किसी कानून को लागू करने के लिए सामान्य निर्देश नहीं मांग सकते": सुप्रीम कोर्ट ने किसान कानूनों को लागू कराने की याचिका खारिज की

LiveLaw News Network

27 Oct 2020 10:43 AM GMT

  • आप किसी कानून को लागू करने के लिए सामान्य निर्देश नहीं मांग सकते: सुप्रीम कोर्ट ने किसान कानूनों को लागू कराने की याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र और राज्यों को हाल ही में पारित तीन किसान अधिनियमों को लागू करने के लिए निर्देश मांगे गए थे।

    जनहित याचिका को खारिज करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा,

    "आप कानून को लागू करने के लिए एक सामान्य निर्देश नहीं मांग सकते।आपको विशिष्ट मामलों को आगे लाना होगा।"

    "हिंदू धर्म परिषद" द्वारा दायर जनहित याचिका में किसान अधिनियमों के खिलाफ सभी विरोध प्रदर्शनों और आंदोलन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश भी मांगे गए थे।

    हिंदू धर्म परिषद द्वारा दायर याचिका में उन आंदोलन और जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी मांगा गया है, जो मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 की और उसके बाद किसानों के अधिकार व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 के खिलाफ या उसके पक्ष में हैं जब तक कि अदालत अपना फैसला ना सुना दे।

    दो हफ्ते पहले सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने अधिनियमों के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था।

    : - मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 और आवश्यक कमोडिटीज (संशोधन) अधिनियम 2020। मध्य प्रदेश के किसान और भारतीय किसान पार्टी के डी के धक्कड़ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा था कि किसानों के कानून कृषि उपज विपणन समितियों पर मध्य प्रदेश कानूनों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इन याचिकाओं में कहा गया है कि ये कानून असंवैधानिक हैं और इन्हें रद्द किया जाना चाहिए।

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