सुप्रीम कोर्ट कॉलेजिमय में हस्तक्षेप पर सीजेआई गवई ने दिया बयान, कहा- पूरी पारदर्शिता बरती जाए
Shahadat
5 July 2025 5:05 AM

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) भूषण गवई ने शुक्रवार को कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि जजों की नियुक्ति में कोई 'बाहरी हस्तक्षेप' न हो, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम 'पारदर्शिता की पूरी प्रक्रिया' अपनाएगा।
सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता द्वारा हाल ही में दिए गए भाषण का उल्लेख किया। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कामकाज और जजों की नियुक्ति में 'बाहरी ताकतों' के हस्तक्षेप के मुद्दे को उठाया था।
सीजेआई गवई ने कहा,
"मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम पारदर्शिता की पूरी प्रक्रिया अपनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।"
जस्टिस दत्ता ने 29 जून को पुणे में एक भाषण में समाज को यह बताने की आवश्यकता पर बल दिया था कि यदि जज जजों की नियुक्ति करते तो सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सभी सिफारिशों पर अमल किया जाता।
जस्टिस दत्ता ने कहा,
"लेकिन ऐसा नहीं होता। जब मैं 2019 में कलकत्ता हाईकोर्ट कॉलेजियम का सदस्य था, तो हमने एक वकील को हाईकोर्ट जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी, लेकिन उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई और अब छह साल हो गए हैं। ऐसा क्यों होता है? कोई भी इस पर सवाल नहीं उठाता। इसलिए बाहरी ताकतें जो कॉलेजियम की सिफारिशों पर कार्रवाई करने से रोकती हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि जो भी कार्यवाही लंबित है, उसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योग्यता, योग्यता और केवल योग्यता पर विचार किया जाए, न कि बाहरी विचारों पर।"
शुक्रवार को सीजेआई गवई ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कॉलेजियम जजों की नियुक्ति की पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाएगा।
सीजेआई गवई ने कहा,
"सीजेआई खन्ना के कार्यकाल के दौरान, हमने और अधिक पारदर्शिता लाने की कोशिश की है...पिछले दो दिनों से हमने 54 उम्मीदवारों के साथ इंटरव्यू किए और कल हमने 34 नियुक्तियों की सिफारिश की...मुझे वास्तव में खुशी है कि आज हमारे पास बॉम्बे हाई कोर्ट के लिए दो नए जज हैं और मैं उन्हें बधाई देता हूं। मुझे खुशी है कि उन्होंने इस भवन में मेरे प्रवेश करने से पहले ही शपथ ले ली..."
सीजेआई गवई ने आगे कहा,
"जहां तक मेरे अपने हाईकोर्ट का सवाल है, मैं आश्वासन दे सकता हूं कि जो भी नाम सुझाए गए हैं, हम उनका पालन करने की कोशिश करेंगे और जितनी जल्दी हो सके, बॉम्बे हाईकोर्ट पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर दे ताकि कम से कम लंबित मामलों का मुद्दा कुछ हद तक हल हो जाए..."
सीजेआई बॉम्बे बार एसोसिएशन (BBA) द्वारा आयोजित अपने सम्मान समारोह में बोल रहे थे। अपने भाषण में सीजेआई गवई ने दोहराया कि उन्होंने और दो पूर्व सीजेआई - सीजेआई संजीव खन्ना और सीजेआई उदय ललित ने इस धारणा को दूर करने की कोशिश की कि सुप्रीम कोर्ट एक "सीजेआई-केंद्रित" अदालत है।
उन्होंने कहा,
"सीजेआई बनने के बाद बल्कि सीजेआई संजीव खन्ना से पहले और सीजेआई उदय ललित के कार्यकाल के दौरान भी... मैंने हमेशा स्पष्ट किया कि भारत का सुप्रीम कोर्ट सभी जजों की अदालत है... सीजेआई बराबरी के लोगों में से सिर्फ़ प्रथम हैं... हमने इस धारणा को दूर करने की कोशिश की है कि सुप्रीम कोर्ट एक सीजेआई-केंद्रित अदालत है..."