UPSC परीक्षाओं में हीमोफीलिया से पीड़ितों को दिव्यांगजन कोटे से क्यों बाहर रखा गया? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा

Shahadat

16 Sept 2025 4:46 PM IST

  • UPSC परीक्षाओं में हीमोफीलिया से पीड़ितों को दिव्यांगजन कोटे से क्यों बाहर रखा गया? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्तियों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षाओं में बैठने से बाहर रखने से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा।

    जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ हीमोफीलिया से पीड़ित UPSC उम्मीदवार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट जयना कोठारी ने कहा कि यद्यपि हीमोफीलिया दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की अनुसूची के तहत प्रदान की गई मानक दिव्यांगता है। हालांकि, यह मानक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को प्रदान किए गए 4% आरक्षण के दायरे में नहीं आता है। उन्होंने तर्क दिया कि हीमोफीलिया का परिणाम गतिज दिव्यांगता है, जो आरक्षण की धारा 34 के अंतर्गत आता है।

    जस्टिस कुमार ने कहा कि न्यायालय इस मुद्दे पर विचार नहीं करेगा कि हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति के क्या परिणाम होते हैं। हालांकि, उसने केंद्र से पूछा कि रक्त विकार को आरक्षण से बाहर क्यों रखा गया है।

    जस्टिस कुमार:

    "इसमें क्या समझदारी दिखाई गई? हमें इसके बारे में बताइए। बस यही मुद्दा है...मान लीजिए हम उनकी दलील मान लेते हैं तो हम उनकी दलील को खारिज भी कर सकते हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया में किस तरह की समझदारी दिखाई गई? अगर यह तर्कसंगत है और भेदभावपूर्ण नहीं है तो हम इसे स्वीकार करेंगे। अनुसूची में शामिल करने के बाद आप इसे मूल कानून में शामिल नहीं करना चाहते, इसका मतलब है कि यह भेदभाव है...छूट दी गई है, इसे आने दीजिए।"

    Case Details: PREMA RAM Vs UNION OF INDIA|W.P.(C) No. 619/2025

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