वर्चुअल हियरिंग: सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के लिए जारी किया स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज़र
LiveLaw News Network
17 May 2020 4:46 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने गर्मियों की छुट्टियों में वकीलों और पार्टियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की ई-फाइलिंग, उल्लेख, लिस्टिंग और सुनवाई की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज़र लागू करने का निर्देश दिया है। गर्मी की छुट्टियां 18 मई 2020 से 19 जून 2020 तक होंगी।
नए दिशानिर्देशों से उन दिशानिर्देशों को प्रतिस्थापित किया गया है, जिन्हें 23 मार्च 2020, 26 मार्च 2020 और 17 अप्रैल, 2020 को सर्कुलर के माध्यम से लागू किया गया था।
नए एसओपी के अनुसार, COVID-19 के प्रकोप के कारण जो ताजा मामले सूचीबद्ध नहीं किए जा सके हैं, उन्हें वर्चुअल कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके अलावा, ताजा मामलों का पूल समाप्त हो जाने के बाद, संक्षिप्त मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। जैसा कि निर्देशित किया गया है, अन्य मामलों को भी सूचीबद्ध किया जा सकता है। कॉज लिस्ट के प्रकाशन की अनुसूचि भी रखी गई है, प्रत्येक कॉज लिस्ट में उस समय की सूचना दी जाएगी, जब संबंधित वर्चुअल कोर्ट बैठेगी।
सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग/टेली-कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के लिए, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड/पार्टी-इन-पर्सन को निर्दिष्ट करना है कि क्या वह अपने डेस्कटॉप/लैपटॉप के माध्यम से बेंच से जुड़ेंगे या सुप्रीम कोर्ट परिसर में उपलब्ध वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का प्रयोग करेंगे। अगर एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को सीनियर एडवोकेट या ऑर्ग्यूइंग कॉउंसल की आवश्यकता है और/या लिटिगेंट को मुकदमे की कार्यवाही देखने की आवश्यकता है तो संबंधित एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड उनका नाम, ई-मेल और मोबाइल नंबर ई-मेल आईडी video.conference@sci.nic.in पर भेज सकते हैं।
अर्जेंसी के मामलों में, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड / पार्टी-इन-पर्सन, सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध ई-फाइलिंग मोड के जरिए याचिका/विविध आवेदन दायर करेगा। सभी औपचारिकताओं के पूरा होने पर और नियत पंजीकरण के बाद, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड / पार्टी-इन-पर्सन को हस्ताक्षरित और सत्यापित उल्लेख-आवेदन भेजने की अनुमति है, जिसमें अर्जेंसी का एक सिनॉप्सिस हो, जो एक पेज से अधिक न हो। उल्लेख-आवेदन केवल ई-मेल आईडी name@sci.nic.in पर भेजा जाए।
फिलहाल, मामलों को बेंच मामलों को VIDYO प्लेटफॉर्म पर वेब-आधारित वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली के माध्यम से सुन रही है, जिसका हॉस्ट सर्वर नेशनल डेटा सेंटर फॉर नेशलन इंन्फॉर्मेटिक्स सेंटर के पास है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविध उपलब्ध न होने की स्थिति में टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो रही है।
वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग का सुचारू संचालन पूरी तरह से रिमोट यूजर को उपलब्ध सिग्नल स्ट्रेंथ/ बैंडविड्थ पर निर्भर है, इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि वीडियो-कॉन्फ्रेंस सुनवाई में शामिल पार्टियों के पास मजबूत कनेक्टिविटी और बैंडविड्थ उपलब्ध हों।
वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई के लिए निम्नलिखित स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज़र लागू किया गया है:
1. VIDYO प्लेटफॉर्म पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के लिए, पार्टी को अपने लैपटॉप या डेस्कटॉप पर VIDYO डेस्कटॉप एप्लिकेशन डाउनलोड करना है।
2. पार्टी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के लिए Google Play Store या Apple APP Store से अपने मोबाइल डिवाइस में VIDYO मोबाइल एप डाउनलोड कर सकती हैं। उल्लेख-आवेदन में दिए गए मोबाइल नंबर पर ही ऐप डाउनलोड होना चाहिए।
3. वीडियो कांन्फ्रेंसिंग का इन्विटेशन लिंक मोबाइल नंबर/ई-मेल आईडी पर एसएमएस/ ई-मेल/ व्हाट्सएप के जरिए निर्धारित सुनवाई से लगभग आधा घंटा पहले भेजा जाएगा।
4. पार्टी को कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस पर लिंक को क्लिक करना होगा, जिससे कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए एक विंडो खुलेगी। कांन्फ्रेंस में शामिल होने के Join Conference बटन पर क्लिक करें।
5. "ज्वाइन कॉन्फ्रेंस" बटन पर क्लिक करने पर, 'VIDYO' डिस्प्ले विंडो खुलेगी, जिसमें पार्टी को डिस्प्ले नेम दर्ज करना होगा और फिर "जॉइन" बटन पर क्लिक करना होगा।
6. "जॉइन" बटन पर क्लिक करने के बाद, पार्टी एक वर्चुअल वेटिंग रूम में अन्य पार्टियों के साथ शामिल हो जाएगी।
7. वर्चुअल कोर्ट रूम में शामिल होने के बाद ऑर्ग्यूइंग काउंसल खुद को माननीय बेंच के समक्ष पेश करेंगे और उसके बाद, माननीय बेंच के निर्देशों का इंतजार करेंगे। पूछे जाने पर, पार्टी अपनी दलील देगी, और दलीले पूरी होने पर, संबंधित डिवाइस को 'म्यूट' करना होगा।
8. पार्टियों को ज्यादातर अपना माइक 'म्यूट' रखना होगा। सिवाय इसके कि जब माननीय बेंच को उन्हें अपनी प्रस्तुतियां रखने को कहें।
9. यह ध्यान दिया जाना चाहिए है पार्टियों को एक साथ प्रस्तुतियां देने से बचना चाहिए। प्रत्येक पार्टी हाथ उठाकर, माननीय बेंच से अनुमति मांगे और अनुमति दिए जाने के बाद, प्रस्तुतियां दें।
10. वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान, पार्टी ध्यान रखें कि वो कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हैं, इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि वे किसी भी अभद्र आचरण या ड्रेस या टिप्पणी का सहारा नहीं लेंगे;
11. जब तक कि माननीय बेंच मामले की सुनवाई समाप्त नहीं कर लेती है, पार्टियों को ऑनलाइन रहना आवश्यक होगा।
12. कॉज लिस्ट के प्रकाशन के बाद, रजिस्ट्री किसी भी पार्टी को बुला सकती है और ऐसी सभी पार्टियों को अपनी डिवाइस की कनेक्टिविटी के परीक्षण की आवश्यकता होती है, और इस तरह की हर पार्टी को ऐसे कर्मचारियों / अधिकारियों के साथ सहयोग करने और दिए गए निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है, ताकि वीडियोकांफ्रेंसिंग सुचारू रूप से संचालित की जा सके;
13. कॉज लिस्ट के प्रकाशन के बाद, रजिस्ट्री द्वारा उन मामलों की सुनवाई से पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जा सकता है, जहां प्रतिभागी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबंधित कोई भी प्रश्न उठा सकते हैं। इसके अलावा, पक्ष हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर 1881 पर संपर्क कर सकते हैं।
14. सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को जोड़ने में अनुपलब्धता / तकनीकी समस्या के मामले में, पार्टियों को लैंडलाइन / मोबाइल फोन के माध्यम से टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल किया जा सकता है।
15. एओआर / ऑर्ग्यूइंग काउंसिल/ पार्टी इन-पर्सन के लिए यह अनिवार्य है कि टेली-कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के लिए अपने फोन को उपलब्ध रखें।
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