उन्नाव रेप पीड़िता ने उन्नाव में जारी केस को दिल्ली ट्रांसफर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

Avanish Pathak

13 Aug 2022 6:13 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में एक ट्रांसफर प‌िटिशन दायर की है। नाबालिग पीड़िता के बलात्‍कर के एक आरोपी शुभम सिंह के पिता ने उसके खिलाफ एक काउंटर केस दायर किया है। पीड़िता ने उस केस को दिल्‍ली ट्रांसफर कराने के लिए याचिका दायर की है। नाबलिग प‌ीड़िता सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई थी।

    याचिकाकर्ता ने अंतरिम राहत के रूप में अपने खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, उन्नाव की ओर से जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। नाबालिग याचिकाकर्ता, उसके चाचा और उसकी मां के खिलाफ जवाबी हमले के रूप में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

    याचिका में पीड़ित को उन्नाव जिले में आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए मजबूर किए जाने की स्थिति में उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा और जीवन के लिए "स्पष्ट, गंभीर और वास्तविक जोखिम" पर प्रकाश डाला गया है, जहां 2017 में राजनीतिक रूप शक्तिशाली मर्दों ने उसके साथ कई बार और सामूहिक बलात्कार किया था।

    याचिकाकर्ता ने बलात्कार के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी माखी (उन्नाव जिले का एक गांव) के पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से अपने पिता की हत्या करने का दोषी ठहराया था। दरअसल 2019 में जब याचिकाकर्ता दिल्ली से उन्नाव की यात्रा कर रही थी तो उसके साथ भीषण सड़क दुर्घटना हुई थी, जिसमें उसकी दो मौसियों का निधन हो गया और वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए।

    सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में माना था कि उसके और उसके परिजनों के जीवन के लिए गंभीर खतरा है और निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता के बलात्कार और उसके पिता की हत्या से संबंधित सभी मामलों को लखनऊ से दिल्‍ली स्थित तीस हजारी कोर्ट स्थानांतरित किया जाए।

    याचिकाकर्ता और उसके परिवार को भी सीआरपीएफ की एक बटालियन ने सुरक्षा प्रदान की है।

    याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही आरोपी के खिलाफ लगाए गए पोक्सो आरोपों के खिलाफ बचाव और पीड़ित को डराने और परेशान करने के उद्देश्य से की गई है। याचिका में आगे कहा गया है कि प्राथमिकी शिकायतकर्ता को पूरी तरह से पता था कि याचिकाकर्ता अपने बेटे के खिलाफ 02.08.2022 और 03.08.2022 को नई दिल्ली में चल रहे आपराधिक मुकदमे में गवाही दे रहा था।

    इस प्रकार, प्राथमिकी शिकायतकर्ता ने विशेष रूप से 02.08.2022 को उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का विकल्प चुना। यह भी रेखांकित किया गया कि अभियुक्त के वकील के अनुरोध पर याचिकाकर्ता की जिरह को मुकदमे में स्थगित कर दिया गया था और अभी भी लंबित है।

    याचिका में कहा गया है कि-

    "अगर याचिकाकर्ता को उन्नाव में मुकदमे का सामना करने के लिए मजबूर किया जाता है तो आंशका है कि यह परोक्ष उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और शुभम शर्मा और अन्य के खिलाफ नई दिल्ली में चल रहे आपराधिक मुकदमे में न्याय प्रशासन को विफल कर देगा।"

    याचिका में कहा गया है कि यही कारण है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दायर प्राथमिकी से पैदा आपराधिक मामले राज्य बनाम महेश सिंह और अन्य को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, उन्नाव से दिल्ली में सक्षम क्षेत्राधिकार की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

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