'सनातन धर्म' पर टिप्पणी मामले में उदयनिधि स्टालिन को राहत नहीं

Shahadat

1 Sept 2025 7:57 PM IST

  • सनातन धर्म पर टिप्पणी मामले में उदयनिधि स्टालिन को राहत नहीं

    सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि वह तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की उस याचिका पर विचार नहीं करेगा, जिसमें उन्होंने 'सनातन धर्म' पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को एक साथ करने की मांग की थी।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने याचिका का संक्षिप्त उल्लेख किया।

    हालांकि, शुरुआत में ही जस्टिस नाथ ने कहा:

    "मिस्टर रोहतगी, आप जानते हैं कि यह न्यायालय ऐसा [FIR को एक साथ करना] नहीं करेगा। अगर आप कहीं और बहस करना चाहते हैं..."

    इस पर रोहतगी ने अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई 2026 तक स्थगित कर दी जाए, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।

    डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र उदयनिधि स्टालिन सितंबर, 2023 में अपनी उस टिप्पणी के लिए आलोचनाओं के घेरे में आ गए, जिसमें उन्होंने 'सनातन धर्म' की तुलना 'मलेरिया' और 'डेंगू' जैसी बीमारियों से की थी। इस आधार पर इसके उन्मूलन की वकालत की थी कि यह जाति व्यवस्था और ऐतिहासिक भेदभाव में निहित है। इससे न केवल एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हुआ, बल्कि उदयनिधि के खिलाफ कई आपराधिक शिकायतें भी दर्ज हुईं। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गईं।

    स्टालिन ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह मामला दायर किया, जिसमें विवादास्पद 'सनातन धर्म' टिप्पणी को लेकर देश भर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों में राहत मांगी गई। हालांकि, पिछले साल अप्रैल में न्यायालय ने उनके वकीलों से यह विचार करने को कहा कि क्या वह CrPC की धारा 406 के तहत मामलों को एक साथ जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

    इसके बाद स्टालिन ने प्रार्थना खंड में संशोधन के लिए आवेदन दायर किया। इस आवेदन को मई में अनुमति दे दी गई। अप्रैल, 2024 में मामलों को एक साथ जोड़ने के मंत्री के अनुरोध पर नोटिस जारी किया गया।

    Case Details: UDHAYANIDHI STALIN v THE STATE OF MAHARASHTRA AND ORSW.P.(Crl.) No. 104/2024

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