सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम : यूनिटेक का प्रबंधन नियंत्रण संभालने का केंद्र का प्रस्ताव मंजूर
LiveLaw News Network
21 Jan 2020 10:31 AM IST
एक बड़े कदम के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंधन नियंत्रण को संभालने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने यूनिटेक के नए बोर्ड को कंपनी के प्रस्ताव ढांचे को तैयार करने के लिए दो महीने का समय दिया और इसकी रिपोर्ट मांगी। पीठ ने कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्यवाही से नए बोर्ड को 2 महीने की मोहलत भी दी।
पीठ ने कहा कि वो बोर्ड द्वारा प्रस्ताव ढांचे की तैयारी की निगरानी के लिए एक शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति करेगी।
दरअसल केंद्र ने शनिवार को शीर्ष अदालत को बताया था कि यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंधन नियंत्रण को संभालने और लगभग 12,000 परेशान होमबॉयर्स को राहत प्रदान करने के लिए उसकी रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के अपने 2017 के प्रस्ताव को फिर से लागू करने के लिए यह सहमत है।
केंद्र ने अदालत को सौंपे अपने छह-पृष्ठ के नोट में कहा था कि वह यूनिटेक लिमिटेड के मौजूदा प्रबंधन को हटाने और सरकार के 10 नामित निदेशकों को नियुक्त करने के लिए दिसंबर 2017 के अपने प्रस्ताव को फिर से जारी करने के लिए तैयार है। इसमें पूर्व IAS युद्धवीर सिंह मलिक को सीएमडी बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया था।
केंद्र ने हालांकि कहा है कि वह कंपनी की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किसी भी फंड को प्रभावित नहीं करेगा। इसने कहा है कि अदालत को 12 महीने की मोहलत देनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुराने बोर्ड के उस अनुरोध को ठुकरा दिया जिसमें नए बोर्ड में उसके किसी सदस्य को शामिल करने की गुहार लगाई गई थी।
गौरतलब है कि पिछले साल 18 दिसंबर कोसुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्या वह अपने 2017 के प्रस्ताव को फिर से लागू करने के लिए सहमत है क्योंकि यूनिटेक लिमिटेड की परियोजनाओं के लिए एक विशेष एजेंसी द्वारा कदम उठाए जाने की तत्काल आवश्यकता है, ताकि घर खरीदारों के हित में एक समयबद्ध तरीके से निर्माण पूरा करना सुनिश्चित किया जा सके।
यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा होमबॉयर्स के पैसे निकालने के आरोप में फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। 2017 में शीर्ष अदालत ने जेल अधिकारियों को कंपनी के अधिकारियों और वकीलों के साथ चंद्रा की बैठक की सुविधा देने का निर्देश दिया था ताकि वे होमबॉयर्स को पैसा वापस करने के साथ-साथ चल रही आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन की व्यवस्था करने में सक्षम हों।