सुप्रीम कोर्ट ने NH-44 खंड पर टोल को 20% तक कम करने के आदेश पर लगाई रोक

Shahadat

15 April 2025 8:47 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने NH-44 खंड पर टोल को 20% तक कम करने के आदेश पर लगाई रोक

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें लखनपुर-उधमपुर खंड पर निर्माण पूरा होने तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर टोल-फी में 80 प्रतिशत की कमी करने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर सड़क की हालत खराब है तो टोल वसूलना अनुचित है।

    NH-44 उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर का हिस्सा है और श्रीनगर से कन्याकुमारी तक फैला हुआ है।

    जस्टिस अभय ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की खंडपीठ ने टोल शुल्क कम करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा दायर एसएलपी में 19 मई, 2025 तक वापसी योग्य नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

    आदेश इस प्रकार लिखा गया,

    "19 मई 2025 को वापस करने योग्य नोटिस जारी करें। इस आदेश पर रोक रहेगी। एसजी ने कहा कि इस न्यायालय के रोक के आदेश के बाद याचिकाकर्ता मौजूदा नियमों के अनुसार 75 प्रतिशत की दर से टोल वसूलना जारी रखेगा।"

    NHAI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि टोल दरों में पहले ही कमी की जा चुकी है और हाईकोर्ट ने कटौती की दर पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के पास ऐसा आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है और उन्होंने रोक लगाने की मांग की।

    जस्टिस ओक ने तब पूछा,

    "तो लागू टोल क्या होगा?"

    इस पर मेहता ने जवाब दिया,

    "घटी हुई दर। हमारे नियम तय दर का 75 प्रतिशत ही अनुमति देते हैं। यह वाहनों और टोल के लिए अलग-अलग होगा।"

    राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के नियम 4(9) में चार लेन से छह लेन में उन्नयन की अवधि के दौरान टोल दरों को अधिसूचित शुल्क के 75 प्रतिशत तक कम करने का प्रावधान है। NHAI ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि छह लेन एक्सप्रेसवे के चौड़ीकरण के तहत आने वाले हिस्सों के लिए अपेक्षित कटौती पहले ही की जा चुकी है।

    केस टाइटल- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बनाम सुगंधा साहनी और अन्य।

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