सुप्रीम कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली के मामले में शिकायतकर्ता वजाहत खान की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

Shahadat

23 Jun 2025 4:19 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली के मामले में शिकायतकर्ता वजाहत खान की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (23 जून) को वजाहत खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। वजाहत खान की शिकायत के बाद शर्मिष्ठा पनोली को पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में दर्ज FIR में गिरफ्तार किया गया था। इन FIR में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट शामिल हैं।

    जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने खान की रिट याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

    याचिका में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर असम, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में दर्ज FIR एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी। खंडपीठ ने कहा कि खान को पश्चिम बंगाल में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में गोल्फ लिंक पुलिस स्टेशन, कोलकाता द्वारा दर्ज FIR में पुलिस हिरासत में है।

    बंगाल की दूसरी FIR में उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

    याचिका पर केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी करते हुए खंडपीठ ने आदेश दिया कि अन्य राज्यों में दर्ज FIR या भविष्य में इसी तरह के आरोपों पर दर्ज की जाने वाली किसी भी अन्य FIR के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। इस नोटिस का जवाब 14 जुलाई को दिया जाना है।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट दामा शेषाद्रि नायडू ने कहा कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर (शर्मिष्ठा पनोली) के खिलाफ उनके द्वारा की गई शिकायत के जवाब में देश भर में उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए। नायडू ने याचिकाकर्ता के ट्वीट का समर्थन नहीं करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता "जैसा बोया है वैसा ही काट रहा है" लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने "कठिन तरीके से सबक सीखने" के बाद ट्वीट के लिए माफी मांगी।

    जस्टिस विश्वनाथन ने बताया कि याचिकाकर्ता ने याचिका में आपत्तिजनक ट्वीट संलग्न नहीं किए। नायडू ने जवाब दिया कि ट्वीट हटा दिए गए और याचिकाकर्ता ने मामले दर्ज होने से पहले ही उन्हें पोस्ट करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। नायडू ने बताया कि वर्तमान में उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज मामले में रिमांड पर लिया गया, उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कई धमकियां दी जा रही हैं।

    जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा किए गए ट्वीट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में नहीं आ सकते।

    जस्टिस विश्वनाथन ने याचिकाकर्ता के आचरण पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा,

    "सभी नफरत फैलाने वाले हैं।"

    नायडू ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल अपने खिलाफ सभी मामलों को एक जगह पर एकत्रित करने की मांग कर रहा है और कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है।

    आदेश सुनाने के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,

    "नफरत भरे भाषण हमें कहीं नहीं ले जाएंगे।"

    जज ने एक तमिल कहावत का हवाला दिया कि आग से लगे घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन ज़बान से लगे घाव नहीं।

    संक्षेप में मामला

    शर्मिष्ठा पनोली लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर है। उनको हाल ही में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर सोशल मीडिया पर अपने वीडियो के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। कोलकाता पुलिस ने FIR (खान की शिकायत के आधार पर) के तहत गुरुग्राम से उसे गिरफ्तार किया और बाद में कलकत्त हाईकोर्ट ने उसे अंतरिम जमानत दी थी।

    खान कथित तौर पर कोलकाता स्थित रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक हैं, जो कोलकाता पुलिस के समक्ष पनोली के खिलाफ दर्ज मामले में शिकायतकर्ता हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद वह खुद सुर्खियों में आ गए और राज्य पुलिस ने उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196(1)(ए)/299/352/353(1)(सी) के तहत मामला दर्ज किया।

    उन्हें 9 जून को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ हिंदू देवी-देवताओं, त्योहारों आदि के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने के आरोप हैं। खान के खिलाफ दर्ज शिकायतों में दावा किया गया कि उनके पोस्ट सांप्रदायिक तनाव को भड़का सकते हैं और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं।

    Case Title: WAZAHAT KHAN Versus UNION OF INDIA AND ORS., W.P.(Crl.) No. 247/2025

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