सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन को न रोकने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव को लगाई फटकार
Shahadat
30 May 2025 12:32 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नूंह जिले में अरावली में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई न करने पर हरियाणा राज्य को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में खनन माफिया भी इसमें शामिल दोषी अधिकारियों को संरक्षण दे रहा है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने कहा:
"ऐसा प्रतीत होता है कि माफिया न केवल अपने सदस्यों को बल्कि राज्य सरकार के उन अधिकारियों को भी संरक्षण देने के लिए काफी मजबूत है, जिन्होंने उनके साथ मिलीभगत करके काम किया है।"
सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने हरियाणा राज्य के मुख्य सचिव को 16 जुलाई तक सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस मामले में एमिक्स क्यूरी रहे सीनियर एडवोकेट के परमेश्वर ने सीईसी रिपोर्ट का हवाला दिया और खंडपीठ को बताया कि खनन माफिया ने राज्य के अधिकारियों की मिलीभगत से अरावली के जंगल को काटकर 1.5 किलोमीटर चौड़ी अनाधिकृत सड़क का ठेका लिया था, जिसका उद्देश्य अरावली पर्वतमाला से अवैध रूप से खनन किए गए पत्थरों को नूंह से राजस्थान तक पहुंचाना था।
सीजेआई ने हरियाणा के मुख्य सचिव द्वारा पहले दाखिल हलफनामे को 'आक्षेपपूर्ण' करार दिया और कहा कि अभी तक इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो खनन माफिया की गहरी संलिप्तता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा:
"ऐसा प्रतीत होता है कि माफिया न केवल अपने सदस्यों को बल्कि राज्य सरकार के उन अधिकारियों को भी बचाने के लिए काफी मजबूत है, जिन्होंने उनके साथ मिलीभगत करके काम किया।"
सीजेआई ने आगे कहा कि मुख्य सचिव और डिप्टी कलेक्टर ने इस मामले को लापरवाही से संभाला है।
आदेश में कहा गया:
"हमें यह देखने में कोई संकोच नहीं है कि मुख्य सचिव और नूंह के डिप्टी कलेक्टर ने पारिस्थितिकी और पर्यावरण से संबंधित मामलों में लापरवाही बरती है। हम मुख्य सचिव को सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और 16 जुलाई तक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।"
अब इस मामले की सुनवाई 16 जुलाई को होगी।
Case Details : IA in IN RE : T.N. GODAVARMAN THIRUMULPAD Versus UNION OF INDIA AND ORS.| W.P.(C) No. 202/1995

