BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने ANI के मामले के बारे में विकिपीडिया पेज हटाने का आदेश किया खारिज
Shahadat
9 May 2025 10:53 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया, जिसमें समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) द्वारा विकिमीडिया के खिलाफ शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही पर विकिपीडिया पेज को हटाने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने उक्त आदेश इस आधार पर दिया था कि यह पेज प्रथम दृष्टया अवमाननापूर्ण है और न्यायालय की कार्यवाही में हस्तक्षेप के समान है।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुयान की खंडपीठ ने इस सिद्धांत को दोहराया कि न्यायालय जनता के लिए खुले संस्थान हैं और न्यायिक कार्यवाही के बारे में मीडिया रिपोर्टिंग को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
खंडपीठ ने कहा,
न्यायालय एक सार्वजनिक संस्थान के रूप में हमेशा जनता के लिए खुले रहने चाहिए, जो मुद्दे विचाराधीन हैं, उन पर जनता और प्रेस द्वारा बहस की जा सकती है।
जस्टिस भुयान ने निर्णय पढ़ते हुए कहा,
"मीडिया को यह बताने का काम न्यायालय का नहीं है कि इसे हटाओ और उसे हटाओ। न्यायपालिका और मीडिया दोनों ही लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभ हैं, जो संविधान की एक बुनियादी विशेषता है। उदार लोकतंत्र के पनपने के लिए दोनों को एक दूसरे का पूरक होना चाहिए।"
विकिमीडिया फाउंडेशन ने वर्तमान याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें “एशियन न्यूज इंटरनेशनल बनाम विकिमीडिया फाउंडेशन” शीर्षक वाले विकिपीडिया पृष्ठ को हटाने का निर्देश दिया गया था।
हाईकोर्ट ने पृष्ठ पर टिप्पणियों पर आपत्ति जताई, विशेष रूप से एक बयान जिसमें कहा गया कि एक जज ने भारत में विकिपीडिया को बंद करने का आदेश देने की धमकी दी है।
नोटिस जारी करते समय सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर चिंता व्यक्त की कि सामग्री चल रही अदालती कार्यवाही में हस्तक्षेप करने के बराबर है। केवल इसलिए सामग्री को हटाने का निर्देश दिया गया, क्योंकि इसमें हाईकोर्ट की आलोचना की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि हाईकोर्ट बिना अवमानना साबित हुए आदेश कैसे पारित कर सकता है।
केस टाइटल- विकिमीडिया फाउंडेशन इंक. बनाम ANI मीडिया प्राइवेट लिमिटेड