इंटरव्यू के बाद चयन मानदंड नहीं बदले जा सकते : सुप्रीम कोर्ट

Praveen Mishra

1 Dec 2025 10:11 PM IST

  • इंटरव्यू के बाद चयन मानदंड नहीं बदले जा सकते : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने यह दोहराते हुए कि मूल्यांकन के अंतिम चरण के पूरा होने के बाद चयन मानदंड बदले नहीं जा सकते, जम्मू-कश्मीर सर्विसेज़ सेलेक्शन बोर्ड (JKSSB) की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें हाई कोर्ट द्वारा प्रभावित उम्मीदवारों के लिए एक अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्देश दिया गया था। यह निर्देश उस स्थिति में दिया गया था जब इंटरव्यू के बाद बोर्ड ने फॉरेस्टर भर्ती के लिए मूल्यांकन मानदंड बदल दिए थे।

    सुप्रीम कोर्ट का निष्कर्ष

    जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ ने कहा कि इंटरव्यू समाप्त होने के बाद मूल्यांकन योजना में बदलाव अवैध है और इससे कुछ उम्मीदवारों की पात्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
    पीठ ने कहा:
    “इंटरव्यू होने के बाद चयन मानदंड में बदलाव को हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने ठीक ही अस्वीकार किया।”

    मामला क्या था?

    • JKSSB ने फॉरेस्टर के 38 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। न्यूनतम योग्यता सिर्फ 10+2 (साइंस) रखी गई थी।
    • भर्ती नियम न होने पर बोर्ड ने एक मूल्यांकन योजना बनाई जिसमें B.Sc. Forestry डिग्री के लिए 25 अंक निर्धारित किए गए।
    • इंटरव्यू पूरा होने के बाद बोर्ड ने यह मानदंड बदलते हुए फॉरेस्ट्री डिग्री को 3-साल (20 अंक) और 4-साल (25 अंक) के रूप में विभाजित कर दिया।
    • इससे 3-साल वाली डिग्री वाले उम्मीदवारों को कम अंक मिले, जिसके आधार पर उन्होंने चयन सूची को चुनौती दी।

    सिंगल जज ने याचिका खारिज कर दी थी, जिसके विरुद्ध डिवीजन बेंच में दाखिल अपीलें स्वीकार कर ली गईं। डिवीजन बेंच ने माना कि जब चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो और केवल चयन सूची तैयार की जानी हो, तब मूल्यांकन मानदंड बदले नहीं जा सकते।

    सुप्रीम कोर्ट का फैसला

    • सुप्रीम कोर्ट ने डिवीजन बेंच का फैसला बरकरार रखा।
    • कोर्ट ने कहा कि इंटरव्यू के बाद मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव “रूल ऑफ गेम” बदलने जैसा है, जिसका सहारा लेते हुए Tej Prakash Pathak v. High Court of Rajasthan, 2024 LiveLaw (SC) 864 का उल्लेख किया गया।
    • कोर्ट ने यह भी कहा कि यह बदलाव कुछ उम्मीदवारों के प्रतिनिधित्व के आधार पर किया गया, जो पारदर्शी नहीं माना जा सकता, जबकि पद की न्यूनतम योग्यता केवल 10+2 थी और मुख्य जोर शारीरिक दक्षता व इंटरव्यू पर था।

    कोर्ट का निर्णय:

    बोर्ड की अपील खारिज की गई।

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इंटरव्यू के बाद चयन मानदंड बदलना अनुचित, अपारदर्शी और गैर-वाजिब है।

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