मणिपुर हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने NIA से मांगा जवाब
Shahadat
16 Sept 2025 10:21 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल होने के आरोपी मोइरंगथेम आनंद सिंह की याचिका पर नोटिस जारी किया। सिंह ने मुकदमे में देरी और जमानत न मिलने का आरोप लगाया।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और मुकदमे की स्थिति जानने के लिए NIA से जवाब मांगा।
खंडपीठ ने आदेश दिया,
"केवल मुकदमे की स्थिति जानने के लिए नोटिस जारी करें।"
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि आरोप-पत्र दाखिल होने के बावजूद मुकदमा आगे नहीं बढ़ा और याचिकाकर्ता पिछले दो साल से जेल में बंद है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सह-आरोपी को जमानत मिल गई, लेकिन इस आधार पर अदालत सहमत नहीं है।
संक्षेप में मामला
याचिकाकर्ता पर म्यांमार स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा मणिपुर में जातीय हिंसा का फायदा उठाकर भारत सरकार के खिलाफ "युद्ध छेड़ने" की साजिश रचने का आरोप है। वह UAPA की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक वरिष्ठ सदस्य भी बताया गया।
दावों के अनुसार, सितंबर 2023 में वाहनों की तलाशी के दौरान, वह चार अन्य लोगों के साथ छद्म कपड़े पहने और हथियार लिए एक वाहन में यात्रा करते हुए पाया गया। इन हथियारों की पहचान आर्म्स कोटे, एमपीटीसी सहित विभिन्न शस्त्रागारों से लूटे गए हथियारों के रूप में की गई। इसके अलावा, वह रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के विभिन्न मामलों में भी शामिल पाया गया। उसे 2010 में कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य होने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया।
कथित अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के सिलसिले में मणिपुर पुलिस ने याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121ए/416/419/506/120बी/170, Arms Act की धारा 25 (1-ए) और UAPA की धारा 16 (पठित शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 6(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया। हालांकि, NIA ने IPC की धारा 120बी/121ए/122 और UAPA की धारा 18/18बी/39 के तहत मामला दर्ज किया। मणिपुर FIR में जमानत मिलने के बाद उसे NIA ने गिरफ्तार कर लिया और तब से वह हिरासत में है।
स्पेशल कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करने को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। हालांकि, हाईकोर्ट ने भी आरोपों की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत देने से इनकार कर दिया।
Case Title: MOIRANGTHEM ANAND SINGH Versus NATIONAL INVESTIGATION AGENCY (NIA), Diary No. 46649-2025

