क्या रिटायरमेंट की उम्र के नियम प्राइवेट गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों पर लागू होंगे? सुप्रीम कोर्ट ने AICTE से पूछा
Shahadat
7 Dec 2025 7:40 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) से यह साफ करने को कहा कि क्या AICTE रेगुलेशन 2010 और 2019 के तहत टीचरों और फैकल्टी, जिसमें प्रिंसिपल भी शामिल हैं, उसके लिए तय रिटायरमेंट की उम्र, प्राइवेट गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों पर भी ज़रूरी तौर पर लागू होती है।
इसने खास तौर पर पूछा कि क्या टीचरों के लिए रिटायरमेंट की उम्र, जो 2010 के AICTE रेगुलेशन के मुताबिक लाइब्रेरियन को छोड़कर टेक्निकल संस्थानों में बढ़ाकर 65 साल कर दी गई, गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों पर भी लागू होती है। साथ ही क्या AICTE के 2019 के रेगुलेशन के मुताबिक फैकल्टी और प्रिंसिपल/डायरेक्टर के लिए तय की गई 65 साल की रिटायरमेंट की उम्र प्राइवेट गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों पर भी लागू होगी।
"01.03.2019 के रेगुलेशन 2019 के लागू होने के बाद, जिसमें क्लॉज़ 2.12 के अनुसार, 'इंस्टीट्यूशन' के सभी 'फैकल्टी मेंबर और प्रिंसिपल/डायरेक्टर' की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर दी गई। यह साफ़ किया जाना है कि क्या यह उम्र AICTE से मंज़ूरी लेकर चल रहे प्राइवेट नॉन-एडेड इंस्टीट्यूशन पर ज़रूरी तौर पर लागू होगी, जिसके लिए राज्य सरकार की इजाज़त है।"
यह भी साफ़ करना ज़रूरी है कि 2010 के रेगुलेशंस के हिसाब से सभी सरकारी और गैर-सरकारी मदद पाने वाले इंस्टिट्यूशंस के लिए 'टेक्निकल इंस्टिट्यूशंस' में 'टीचर्स' की उम्र 65 साल कर दी गई, सिवाय लाइब्रेरियन और दूसरे लागू अलाउंस के, जो स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लॉइज के हिसाब से तय किए जाएंगे। तो उस हालत में AICTE से अप्रूवल वाले प्राइवेट गैर-सहायता पाने वाले कॉलेजों में एम्प्लॉइज (खासकर 'प्रिंसिपल') के लिए सुपरएनुएशन की उम्र क्या होगी?
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने आगे साफ़ किया कि 'ये इंस्टिट्यूशंस' शब्द सरकारी और मदद पाने वाले इंस्टिट्यूशंस से जुड़े होंगे। इसलिए कोर्ट जानना चाहता है कि गैर-सहायता पाने वाले इंस्टिट्यूशंस के लिए 2010 और 2019 के रेगुलेशंस के हिसाब से सुपरएनुएशन की उम्र क्या है।
इसने महाराष्ट्र राज्य से यह भी साफ़ करने को कहा कि क्या उसने 2019 के रेगुलेशंस लागू होने के बाद सुपरएनुएशन की उम्र के बारे में कोई क्लैरिफिकेशन जारी किया।
कोर्ट को बताया गया सीनियर एडवोकेट वी गिरी ने कहा कि नॉन-एडेड इंस्टीट्यूशन के लिए राज्य ने 2011 में AICTE के 2010 रेगुलेशन के हिसाब से एक रेज़ोल्यूशन जारी किया था, जिसमें पहले के एक रेज़ोल्यूशन का ज़िक्र था, जिसमें कहा गया कि नॉन-एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन से जुड़े परमानेंटली अनएडेड इंस्टीट्यूशन के टीचिंग स्टाफ़ और प्रिंसिपल के लिए, उम्र बढ़ाने या रिटायरमेंट की उम्र का फ़ैसला पूरी तरह से ऑर्गनाइज़ेशन की मर्ज़ी पर होगा।
इस बारे में कोर्ट ने आगे पूछा:
"हालांकि, ऐसा सर्कुलर टेक्निकल इंस्टीट्यूशन पर लागू होने वाले AICTE रेगुलेशन के कितना मुताबिक है? राज्य सरकार को यह साफ़ करना चाहिए कि AICTE रेगुलेशन का कितना पालन नहीं किया जा रहा है?"
AICTE और राज्य सरकार को 2 दिसंबर, 2025 तक या उससे पहले मांगी गई सफाई फाइल करनी होगी। अगर कोई और सफाई चाहिए तो एडिशनल एफिडेविट से फाइल करनी होगी।
मामला 3 दिसंबर को उठाया गया लेकिन राज्य और AICTE की तरफ से समय मांगा गया। इसलिए कोर्ट अब 21 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगा।
Case Details: DR. MIR SADIQUE ALI v. VIDARBHA YOUTH WELFARE SOCIETY & ORS|Special Leave to Appeal (C) No. 15958/2023

