सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सेंथिल बालाजी की ज़मानत शर्तों में दी ढील
Shahadat
8 Dec 2025 3:43 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी पर लगाई गई ज़मानत की शर्त में ढील दी कि उन्हें हर सोमवार और शुक्रवार सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच चेन्नई में डायरेक्टरेट ऑफ़ एनफोर्समेंट (ED) के डिप्टी डायरेक्टर के ऑफिस में पेश होना होगा।
शर्त में बदलाव करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने निर्देश दिया कि बालाजी, ऑफिसर द्वारा "जब भी ज़रूरी हो" डिप्टी डायरेक्टर के सामने पेश होंगे। कोर्ट ने कहा कि अगर बालाजी की मौजूदगी ज़रूरी हो तो उन्हें पहले से नोटिस दिया जाना चाहिए।
बालाजी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और स्पेशल कोर्ट में शिकायत दर्ज कर दी गई। इसलिए ED के डिप्टी डायरेक्टर के सामने पेश होने पर ज़ोर देने की कोई ज़रूरत नहीं है।
ED के एडवोकेट ज़ोहेब हुसैन ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि यह शर्त अपराध की गंभीरता को देखते हुए लगाई गई। ये शर्तें सुप्रीम कोर्ट के सितंबर, 2024 के आदेश से लगाई गई थीं, जिसमें उन्हें कैश-फॉर-जॉब्स स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ज़मानत दी गई थी।
बेंच ने महीने में दो बार ऑफिसर के सामने पेश होने पर ज़ोर देने के तर्क पर सवाल उठाया।
सीजेआई कांत ने पूछा,
"एक आदमी हर सोमवार-शुक्रवार आपके सामने जा रहा है; वह आपके ऑफिसर के साथ चाय पीता है। क्या यह ज़रूरी है?"
जस्टिस बागची ने कहा,
"1.5 साल से वह व्यक्ति हफ़्ते में दो बार हाज़िर होता है... क्या उसने कोई चूक की है? कम-से-कम आपके ऑफिसर की परेशानी तो बचाओ। उसे हर सोमवार, शुक्रवार को उसका इंतज़ार करना पड़ता है।"
कोर्ट ने ज़मानत की शर्त में भी बदलाव किया, जिसमें ट्रायल के हर दिन स्पेशल PMLA कोर्ट के सामने उनकी हाज़िरी ज़रूरी थी।
कोर्ट ने आदेश दिया,
"यह साफ़ किया जाता है कि जब भी कोई खास मुश्किल हो, अपील करने वाला सेशन कोर्ट के सामने पेश नहीं हो पाता है तो वह अप्लाई करेगा और कोर्ट अपनी मेरिट के हिसाब से विचार करेगा।"
Case Title: V. SENTHIL BALAJI v. THE DEPUTY DIRECTOR, Diary No. - 63441/2025

