'लोगों ने पहले ही निवेश कर दिया है, दीवाली के बाद आएं': सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
Shahadat
14 Oct 2022 1:19 PM IST
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित और जस्टिस हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने शुक्रवार को पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की प्रार्थना करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई देने से इनकार कर दिया।
सीजेआई ललित ने जब मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया गया तो कहा कि चूंकि दीवाली का त्योहार पहले से ही नजदीक है, इसलिए कई लोगों ने पटाखों के कारोबार में पहले से ही निवेश किया होगा। इसलिए इस दीवाली के करीब पटाखों पर निषेधाज्ञा से गंभीर नुकसान होगा।
सीजेआई ललित ने मामले पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा,
"आप समय के अंत पर आते हैं। दीवाली बिल्कुल नजदीक है। लोगों ने पहले से ही पटाखों के कारोबार में निवेश किया है और अब इस पर रोक लगाने से नुकसान होगा। आपको कुछ महीने पहले आना चाहिए था। अब दीवाली के बाद आओ।"
जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है, विभिन्न राज्यों ने पटाखे फोड़ने के संबंध में अलग-अलग दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। उदाहरण के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 14 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी, 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
डीपीसीसी के इस निर्देश के खिलाफ 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट से दीवाली पर ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति मांगी गई। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट करेगी। ग्रीन पटाखों के भंडारण और बिक्री में लगी दो संस्थाओं द्वारा यह याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि प्रतिबंध में ग्रीन पटाखों को शामिल करने का कोई कारण नहीं है।
जस्टिस एमआर शाह की अगुवाई वाली बेंच ने 10 अक्टूबर को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की उस याचिका पर विचार किया, जिसमें दिल्ली में पटाखों पर बैन को चुनौती दी गई।