सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार किया; शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करने का निर्देश

LiveLaw News Network

23 Nov 2021 12:03 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार किया; शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करने का निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा स्थानीय निकाय चुनाव को स्थगित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। टीएमसी सदस्यों के खिलाफ हिंसा और धमकी के कथित कृत्यों के कारण उक्त याचिका दायर की गई थी। उल्‍लेखनीय है कि त्रिपुरा स्थानीय निकाय चुनाव 25 नवंबर को प्रस्ताव‌ित है।

    हालांकि, अदालत ने त्रिपुरा पुलिस को मतदान के सुचारू संचालन और परिणामों की घोषणा के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए अतिरिक्त निर्देश जारी किए।

    जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा,

    "चुनाव स्थगित करना अंतिम और कठोर रास्‍ता होगा। हमारा विचार है कि चुनावों को स्थगित करने के बजाय त्रिपुरा राज्य को उपयुक्त निर्देश जारी करके याचिकाकर्ताओं द्वारा व्यक्त की गई आशंकाओं को उचित रूप से दूर किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नगरपालिका चुनाव के शेष चरण सुरक्षित तरीके से हों।"

    कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को त्रिणमूल कांग्रेस की शिकायतों का निवारण करने के लिए समान और निष्पक्ष तरीके से कार्य करने का भी निर्देश दिया।

    पीठ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस और उसकी राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव द्वारा दायर एक अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्‍थानीय चुनाव में राजनीतिक प्रचार के लिए स्वतंत्र और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए पारित आदेश का त्रिपुरा अधिकारियों ने पालन नहीं किया है।

    त्रिपुरा डीजीपी और आईजी ने कोर्ट में दिया बयान

    पीठ ने राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के संबंध में त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था, त्रिपुरा) द्वारा दायर हस्ताक्षरित बयानों पर ध्यान दिया। पीठ ने कहा कि राज्य में सीआरपीएफ की तीन बटालियन तैनात हैं। हालांकि राज्य ने तीन अतिरिक्त बटालियनों के लिए गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है।

    बयान के मुताबिक फिलहाल स्थिति यह है कि 18 कंपनियों (प्रति कंपनी 9 सेक्शन) की सीआरपीएफ की तीन बटालियन राज्य में फील्ड ड्यूटी के लिए तैनात हैं। 17 कंपनियों को चुनाव ड्यूटी के लिए तैयार किया गया है। अगरतला में चुनाव ड्यूटी के लिए 12 और सेक्‍शन्स तैयार किए जाने हैं। यह संकेत करता है कि सीआरपीएफ की तीन बटालियनों में से तीन बटालियन की क्षमता चुनाव के लिए तैनात की गई है।

    कोर्ट ने शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने का दिया निर्देश

    इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने ये निर्देश भी जारी किए:

    1. शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीएफ से पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों की उपलब्धता का आकलन करने के उद्देश्य से डीजीपी और आईजीपी (कानून और व्यवस्था त्रिपुरा) कल सुबह तक राज्य चुनाव आयोग के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे।

    2. जमीन की स्थिति का आकलन करने के बाद, यदि आवश्यक हो, तो सीआरपीएफ या एमएचए, जैसा भी मामला हो, उन्हें एक मांग प्रस्तुत की जाएगी। इस तरह के किसी भी अनुरोध पर जमीनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए और त्रिपुरा राज्य में शांति, सुरक्षा और चुनाव के व्यवस्थित संचालन के हित में विचार किया जाएगा।

    3. डीजीपी और आईजी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएंगे कि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो, खासकर मतदान की तारीख पर, 28 नवंबर को मतगणना तक।

    -शिकायतों पर की गई कार्रवाई को दर्शाने वाला सारणीबद्ध चार्ट तैयार करें

    अदालत ने आगे निर्देश दिया, "चूंकि याचिकाकर्ताओं द्वारा एक गंभीर शिकायत व्यक्त की गई है कि प्राथमिकी दर्ज करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है, प्रतिवादी इस अदालत के समक्ष दर्ज की गई शिकायतों का एक सारणीबद्ध विवरण प्रस्तुत करेंगे, जो प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो कार्रवाई की गई है, और जो गिरफ्तारियां की गई हैं।"

    अदालत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मामले पर अगली 25 नवंबर को विचार करेगी।


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