वायु प्रदूषण कम करने के लिए वाहनों के लिए स्टार-रेटिंग की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से किया इनकार

Shahadat

27 Oct 2025 1:21 PM IST

  • वायु प्रदूषण कम करने के लिए वाहनों के लिए स्टार-रेटिंग की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से किया इनकार

    सुप्रीम कोर्ट ने उस रिट याचिका पर विचार करने से इनकार किया, जिसमें वायु प्रदूषण और उससे होने वाली मौतों को कम करने में मदद के लिए पूरे भारत में वाहनों के लिए स्टार-रेटिंग प्रणाली लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ डॉक्टर संजय कुलश्रेष्ठ की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि वाहनों में स्टार रेटिंग लागू होने से जनता पर्यावरण के अनुकूल वाहन चुन सकेगी, जिससे वायु प्रदूषण कम होगा।

    गौरतलब है कि वाहनों के लिए 'स्टार-रेटिंग' प्रणाली 1-5 के पैमाने पर यह बताती है कि वाहन उपभोक्ताओं के लिए कितना सुरक्षित है। वर्तमान में भारत ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (G-NCAP) का पालन कर रहा है। भारत का अनुकूलित संस्करण - भारत नई कार मूल्यांकन कार्यक्रम (BNCAP) जुलाई, 2023 से एक मसौदा प्रक्रिया के रूप में लंबित है।

    याचिकाकर्ता के रूप में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए डॉक्टर ने ज़ोर देकर कहा,

    "यह ज़्यादातर विकसित देशों में पहले से ही मौजूद है। राजपत्र अधिसूचना तो है, लेकिन पिछले 10 सालों से यह कागज़ों से बाहर नहीं आया।"

    उन्होंने यह भी बताया कि विशेष रूप से प्रदूषणकारी वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं और शिशुओं में जन्म दोष भी पाए गए।

    कहा गया,

    "भारत में हर साल 21 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं। 60% लोग टीएम 2.5 के कारण मर रहे हैं, जो वाहनों से निकल रहा है... मैं एक डॉक्टर हूं और यह प्रसव में जन्म दोष पैदा कर रहा है।"

    खंडपीठ ने सरकार के नीतिगत निर्णय से संबंधित मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायालय ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने की अनुमति दी।

    खंडपीठ ने कहा,

    "चूंकि मामला राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए हम इसमें हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता भारत संघ के समक्ष अभ्यावेदन दे सकता है, जिस पर उसके गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा।"

    Case Details : SANJAY KULSHRESTHRA vs. UNION OF INDIA| W.P.(C) No. 000834 / 2025

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