मूर्ति चोरी के मामलों की गुम फाइलों पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किए, केंद्र से भी मांगा जवाब

Shahadat

18 Sept 2025 10:28 AM IST

  • मूर्ति चोरी के मामलों की गुम फाइलों पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किए, केंद्र से भी मांगा जवाब

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (16 सितंबर) को विदेश मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय को तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरों से 1985 से चोरी हुई मूर्तियों की बरामदगी से संबंधित मामले में नोटिस जारी किया, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विदेशी संग्रहालयों में हैं।

    जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने यह आदेश वकील एलिफेंट जी राजेंद्रन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें तमिलनाडु में प्राचीन मंदिरों की मूर्तियों, कलाकृतियों, आभूषणों और अन्य संपत्तियों की चोरी से जुड़ी 41 केस डायरियों के गायब होने की जांच की मांग की गई।

    अदालत ने आदेश दिया,

    "हमने हलफनामों का अवलोकन किया और पाया कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों का प्रभावी समाधान प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार को प्रतिवादी नंबर 5 और 6 के रूप में पक्षकार बनाना आवश्यक होगा, जिनका प्रतिनिधित्व संबंधित सचिव करेंगे। कारण शीर्षक में तदनुसार संशोधन किया जाए। उपरोक्त प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें।"

    सुनवाई के दौरान, राजेंद्रन ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कहा कि 41 मामलों में कम से कम 41 मूर्तियां चोरी हुई होंगी। 10 दिनों के भीतर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा 38 पुलिस थानों से सभी 41 मामलों की केस डायरियां नष्ट कर दी गईं।

    उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च पुलिस अधिकारियों और "शायद मंत्री स्तर के" राजनेताओं से जुड़े "मूर्ति माफिया" ने फाइलें नष्ट कर दी थीं। फाइलें गायब होने के बावजूद कोई FIR दर्ज नहीं की गई।

    उन्होंने कहा,

    "अगर कोई सबूत गायब है, एक रिवॉल्वर गायब है तो वे FIR दर्ज करेंगे। हालांकि, FIR दर्ज किए बिना, केवल गुमशुदगी बता रहे हैं।"

    उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 50 से ज़्यादा मूर्तियां चोरी हो गईं और बरामद मूर्तियों का क्या हुआ, इसका पता नहीं चला। उन्होंने कहा कि चोरी की गई मूर्तियां कैलिफ़ोर्निया और वाशिंगटन सहित विदेशों के संग्रहालयों में रखी गईं।

    जस्टिस नागरत्ना ने पूछा कि क्या मूर्तियां विदेश से बरामद की गई थीं।

    राजेंद्रन ने जवाब दिया कि कोई कार्रवाई नहीं की गई और अधिकारी दावा कर रहे हैं कि सीडी फ़ाइलें गायब हैं और कोई FIR दर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में एक FIR की पांच प्रतियां बनाई जाती हैं और केवल मूल प्रति ही पुलिस थाने में रखी जाती है।

    उन्होंने कहा कि हालांकि मामले की फ़ाइलें कम्प्यूटरीकृत नहीं थीं। फिर भी पुलिस नई FIR दर्ज करने के बजाय मजिस्ट्रेट अदालतों या ज़िला ब्यूरो से प्रतियाँ प्राप्त कर सकती थी।

    न्यायालय ने मूर्तियों की चोरी की जांच से संबंधित गुम हुई फ़ाइलों के बारे में तमिलनाडु सरकार से सवाल किए। जस्टिस महादेवन ने कहा कि राज्य की संस्कृति की रक्षा करना ज़िम्मेदारी है और पूछा कि 41 फ़ाइलें क्यों गायब हो गईं।

    जस्टिस नागरत्ना ने सवाल किया कि इतने सारे पुलिस थानों से एक साथ फ़ाइलें कैसे नष्ट हो गईं।

    उन्होंने सवाल किया,

    "क्या 38 अलग-अलग थानों में एक साथ आग लगने से फाइलें नष्ट हो गईं? या फिर फाइलों को नष्ट करने का कोई सर्कुलर जारी किया गया?"

    राज्य की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने अदालत को बताया कि कुछ फाइलों का पुनर्निर्माण किया गया और गायब फाइलों के संबंध में 11 FIR दर्ज की गईं। उन्होंने कहा कि कुछ मूर्तियां बरामद की गई।

    अंततः, अदालत ने केंद्र को पक्षकार बनाया और निर्देश दिया कि वर्तमान अपील उपरोक्त मंत्रालयों को भेजी जाए।

    Case Title – Elephant G. Rajendran v. Secretary & Ors.

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