12 साल से निर्जीव जैसी अवस्था में युवक—पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया
Praveen Mishra
26 Nov 2025 3:14 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने एक 32 वर्षीय युवक के मामले में, जो पिछले 12 वर्षों से बिल्डिंग से गिरने के बाद निर्जीव जैसी अवस्था में है, नोएडा के जिला अस्पताल को एक प्राथमिक चिकित्सा बोर्ड (Primary Medical Board) बनाने का निर्देश दिया है। यह बोर्ड यह जांच करेगा और रिपोर्ट देगा कि क्या युवक का जीवन-रक्षक उपचार (life-sustaining treatment) बंद किया जा सकता है।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस के.वी. विस्वनाथन की खंडपीठ ने यह आदेश कॉमन कॉज़ (2018) के फैसले और 2023 के संशोधित दिशानिर्देशों के आधार पर दिया, जिनमें पैसिव यूथेनेशिया को मान्यता दी गई है।
युवक के पिता पहले भी 2024 में कोर्ट आए थे, लेकिन तब कोर्ट ने पैसिव यूथेनेशिया की अनुमति नहीं दी थी और उत्तर प्रदेश सरकार से उसकी देखभाल करने को कहा था। अब पिता ने बताया कि बेटे की हालत और बिगड़ गई है—वह 100% विकलांग है, कोई उपचार असर नहीं कर रहा और उसे PEG ट्यूब के जरिये कृत्रिम रूप से जिंदा रखा जा रहा है।
कोर्ट ने माना कि युवक की हालत “बहुत दयनीय” है और कहा कि प्राथमिक मेडिकल बोर्ड दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करे। रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट यह तय करेगा कि क्या उसके इलाज को रोका जा सकता है।

