यूनिवर्सिटी ने वकील की डिग्री की प्रामाणिकता से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच का आदेश दिया
Shahadat
18 Sept 2025 11:24 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को एक वकील की बी.कॉम डिग्री की प्रामाणिकता सत्यापित करने का निर्देश दिया। संबंधित यूनिवर्सिटी ने इस डिग्री को 'जाली' घोषित किया है और इसे उसके द्वारा जारी नहीं किया गया।
जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्जल भुयान की खंडपीठ बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की अनुशासन समिति के उस फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता के पास मौजूद वाणिज्य स्नातक ("बी.कॉम") की डिग्री के जाली होने का सवाल था।
सुनवाई की पिछली तारीख पर अदालत ने मगध यूनिवर्सिटी, बोधगया के परीक्षा नियंत्रक द्वारा जारी पत्र पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता के नाम की अंकतालिका और बी.कॉम की डिग्री (परीक्षा 1991) "जाली है और यूनिवर्सिटी से जारी नहीं की गई।" उस समय अदालत ने उन्हें उन डिग्रियों की फोटोकॉपी पेश करने का निर्देश दिया, जिनके आधार पर उन्होंने वाणिज्य और लॉ ग्रेजुएट होने का दावा किया था।
अदालत के निर्देश के बाद याचिकाकर्ता ने 1991 की परीक्षा के लिए अपने बी.कॉम (ऑनर्स) डिग्री सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी दाखिल की। हालांकि, प्रतिवादी के वकील ने अदालत का ध्यान अन्य अनुलग्नक की ओर आकर्षित किया, जिसमें मगध यूनिवर्सिटी के इस रुख की पुष्टि की गई कि दस्तावेज़ जाली थे।
अपने बचाव में याचिकाकर्ता ने कहा कि यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड फटे और गायब होने के कारण डिग्री की प्रामाणिकता की पुष्टि करने में कठिनाई हो सकती है।
याचिकाकर्ता की दलील खारिज करते हुए अदालत ने कहा:
“चूंकि डिग्री की सत्यता के संबंध में एक मुद्दा उठा है, इसलिए हम केंद्रीय जांच ब्यूरो, दिल्ली से जांच कर यह पता लगाना उचित समझते हैं कि याचिकाकर्ता द्वारा वर्ष 1991 में मगध यूनिवर्सिटी से बी.कॉम परीक्षा उत्तीर्ण करने की जो डिग्री प्रस्तुत की गई, वह असली है या जाली।”
अदालत ने आदेश दिया,
"इस आदेश की कॉपी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, दिल्ली के निदेशक को भेजी जाए, जो उपरोक्त मामले की जांच के लिए अधिकारी नियुक्त करेंगे और 30.11.2025 तक या उससे पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।"
मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर, 2025 को होगी।
Cause Title: NARESH DILAWARI VERSUS CHARANJIT SINGH OBEROI

