सुप्रीम कोर्ट सीबीएसई-आईसीएसई छात्र की दसवीं-बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए हाइब्रिड विकल्प की मांग करने वाली याचिका पर 18 नवंबर से सुनवाई करेगा

LiveLaw News Network

15 Nov 2021 9:35 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट सीबीएसई-आईसीएसई छात्र की दसवीं-बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए हाइब्रिड विकल्प की मांग करने वाली याचिका पर 18 नवंबर से सुनवाई करेगा

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाइब्रिड तरीके से दसवीं और बारहवीं सीबीएसई-आईसीएसई टर्म I परीक्षा आयोजित करने के लिए तत्काल निर्देश दिए जाने की मांग वाली याचिका पर 18 नवंबर, 2021 से सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया।

    जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए उठाए जाने पर कहा कि वह इस मामले को एक समान मामले (डब्ल्यूपी (सी) 1081/2021) के साथ टैग करेगी, क्योंकि दोनों याचिकाएं समान राहत की मांग करती हैं।

    छात्रों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि इस मामले पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने दलील दी कि जिस मामले के साथ पीठ याचिका को टैग कर रही है वह कुछ अलग मुद्दे से संबंधित है।

    वरिष्ठ वकील ने कहा,

    "परीक्षाएं कर शुरू होने जा रही हैं.. हम तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध करते हैं। मेरे लर्नड फ्रेंड, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड, कहते हैं कि यह मामला अलग है।"

    संबंधित याचिका को मूल रूप से चार जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, वरिष्ठ वकील द्वारा व्यक्त की गई तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए पीठ ने पोस्टिंग को आगे बढ़ाया और दोनों मामलों को 18 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    पीठ ने कहा कि जिस मामले से पीठ ने याचिका को टैग किया है अगर वह मामला अलग है तो वह इस पर विचार करेगी।

    पीठ ने टिप्पणी की,

    "अगर यह एक अलग मामला है तो हम उस पर विचार करेंगे।"

    पीठ ने वरिष्ठ वकील को याचिका की एडवांस कॉपी सीबीएसई के सरकारी वकील को देने को भी कहा।

    याचिका का विवरण

    एडवोकेट सुमंत नुकाला के माध्यम से दायर याचिका में संशोधित परीक्षा कार्यक्रम को चुनौती दी गई थी। इसमें 16 नवंबर और 22 नवंबर से हाइब्रिड मोड अपनाने के बजाय केवल ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया गया था।

    याचिका में निम्नलिखित दो सर्कुलर को रद्द करने की मांग की गई है:

    * सर्कुलर दिनांक 14.10.2021 में सीबीएसई बोर्ड के दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए टर्म 1 परीक्षा का कार्यक्रम अकेले ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जाना।

    * सर्कुलर दिनांक 22.10.2021 जहां तक ​​आईएससी और आईसीएसई के लिए सेमेस्टर 1 परीक्षाओं के कार्यक्रम को केवल ऑफलाइन मोड में आयोजित करने के लिए संशोधित किया गया।

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि डेट शीट तीन सप्ताह में फैले प्रमुख विषयों के लिए परीक्षाओं का खुलासा करती है। साथ ही COVID-19 के संक्रमण के जोखिम और बाद की परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।

    * यह कहा गया कि दिसंबर, 2021 में प्रमुख विषयों की परीक्षा से पहले नवंबर, 2021 में फिजिकल मोड में मामूली विषयों की परीक्षाएं हैं। इससे प्रमुख विषयों की परीक्षाओं को सुपर स्प्रेडर इवेंट में बदलने की संभावना बढ़ गई है।

    याचिका में कहा गया है,

    "किसी भी कीमत पर ऑफ़लाइन परीक्षाओं के माध्यम से इस तरह के निरंतर प्रदर्शन से COVID-19 के संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। इससे आक्षेपित कार्रवाई को मनमाना और स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन माना जाता है।"

    याचिकाकर्ताओं ने एक विशिष्ट स्टैंड लेते हुए कहा कि परीक्षा का हाइब्रिड या ब्लेंडेड मोड समय की आवश्यकता है और लॉजिस्टिक बाधाओं पर तनाव को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की बेहतर सुविधा प्रदान करता है।

    यह तर्क देते हुए कि बिना विकल्प दिए सहमति प्राप्त करना पूर्व दृष्टया मनमाना और अवैध है, याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि कई छात्रों ने बताया कि गलत बयानी और जबरदस्ती का सहारा लेकर सहमति प्राप्त की जा रही है।

    केस शीर्षक: अभ्युदय चकमा और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य | डब्ल्यूपी (सी) 1240/2021

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