सुप्रीम कोर्ट ने अवकाश के दौरान याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करने के फैसले पर तेलंगाना हाईकोर्ट को नोटिस जारी किया

Shahadat

18 May 2022 11:57 AM IST

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा जारी नोटिस पर स्तब्धता जताई। इस नोटिस में कहा गया कि उसकी वेकेशन बेंच एफआईआर/आरोपपत्र आदि को रद्द करने के लिए रिट याचिकाओं और आपराधिक याचिकाओं पर विचार नहीं करेगी।

    दिनांक 05.05.2022 के दौरान गर्मी के अवकाश में कोर्ट द्वारा सुनवाई किए जाने वाले मामलों के संबंध में निर्देश ('Instructions as to filling of cases to be beard in the Summer Vacation Court on 05.05.2022)-

    "किसी भी रिट याचिका या आपराधिक मामलों को रद्द करने के लिए दायर याचिका या एफआईआर/आरोप पत्र और लंबित मामलों में अंतरिम आदेशों के विस्तार की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई नहीं होगी।"

    तेलंगाना हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश 02.05.2022 से 03.06.2022 तक जारी रहा था।

    जस्टिस यू.यू. ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट वी. चितांबरेश ने प्रस्तुत कर कहा कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट द्वारा जारी नोटिस दिनांक 30.04.2022 में प्रतिबंध के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में आने के लिए विवश है। उसी का संज्ञान लेते हुए बेंच ने तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया।

    "याचिकाकर्ता के वकील के मौखिक अनुरोध पर हाईकोर्ट के रजिस्टर जनरल को पक्षकार के रूप में जोड़ा जाए। इस स्तर पर हम हाईकोर्ट के रजिस्टर जनरल को नोटिस जारी करते हैं जो सरकारी एडवोकेट पी. वेंकट रेड्डी के माध्यम से 20.05.2022 से लौटाया जा सकता है। आदेश की प्रति इलेक्ट्रॉनिक रूप से हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजी जाए।"

    वर्तमान रिट याचिका उन अभियुक्त व्यक्तियों द्वारा दायर की गई है जिनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी आदि के अपराधों के लिए 18.02.2022 को एफआईआ दर्ज की गई है।

    सीनियर एडवोकेट चितंबरेश ने प्रस्तुत किया,

    "हम आमतौर पर हाईकोर्ट जाते हैं, लेकिन सर्कुलर के कारण हम यहां आए हैं।"

    जस्टिस ललित ने पूछा कि सर्कुलर हाईकोर्ट ने जारी किया है या वेकेशन बेंच जज ने।

    चितंबरेश ने जवाब दिया,

    "हाईकोर्ट द्वारा।"

    जस्टिस ललित ने नोटिस द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर हैरानी जताते हुए कहा,

    "हाईकोर्ट द्वारा कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत आवेदन को लिस्ट नहीं किया जाएगा?"

    चितंबरेश ने पीठ को सूचित किया कि कुछ अन्य राज्यों में भी इस तरह की प्रथाएं प्रचलित हैं। इस प्रकार, उन्होंने अदालत को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए बाध्य किया।

    जस्टिस ललित ने आगे स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सीनियर एडवोकेट से पूछा,

    "यह केवल 05.05.2022 के लिए है?"

    चितंबरेश ने जवाब दिया,

    "नहीं। पूरी गर्मी के लिए।"

    केस टाइटल: मोहम्मद मुजाहिद उद्दीन सिद्दीकी और अन्य बनाम तेलंगाना राज्य WP (Crl) 2022 का नंबर 194

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