क्रिकेटर मोहम्मद शमी को पत्नी की मासिक गुजारा भत्ता बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
Shahadat
7 Nov 2025 6:00 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने और अपनी बेटी के लिए गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग की।
पत्नी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 1 जुलाई, 2025 और 25 अगस्त, 2025 के आदेशों को चुनौती दी, जिसमें उनके अंतरिम गुजारा भत्ता को बढ़ाकर ₹1.5 लाख प्रति माह और उनकी नाबालिग बेटी के लिए ₹2.5 लाख प्रति माह कर दिया गया था। शमी की आर्थिक स्थिति और जीवनशैली को देखते हुए यह राशि बेहद अपर्याप्त बताते हुए, जहां ने अपने लिए गुजारा भत्ता बढ़ाकर ₹7 लाख प्रति माह और अपनी बेटी के लिए ₹3 लाख प्रति माह करने की मांग की थी।
जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने याचिका पर शमी और पश्चिम बंगाल राज्य को नोटिस जारी किया।
अनुच्छेद 136 के तहत दायर विशेष अनुमति याचिका में हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित भुगतान अनुसूची पर भी सवाल उठाया गया, जिसने क्रिकेटर को आठ मासिक किश्तों में बकाया राशि चुकाने की अनुमति दी थी।
याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 2021-22 के आयकर रिटर्न के अनुसार शमी की वार्षिक आय लगभग ₹48 करोड़ थी। फिर भी वह "दयनीय परिस्थितियों" में रहने को मजबूर हैं, और बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
दावा किया गया कि शमी के पास रेंज रोवर, जगुआर, मर्सिडीज और फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी गाड़ियां हैं।
क्रिकेटर की शादी अप्रैल 2014 में हुई थी और दंपति की एक बेटी है। 2018 में पत्नी ने जादवपुर पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई, जिसके बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। बाद में उन्होंने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अंतरिम भरण-पोषण की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। ट्रायल कोर्ट ने बच्चे के लिए ₹80,000 प्रति माह की राशि मंजूर की, लेकिन उन्हें कोई भरण-पोषण देने से इनकार कर दिया।
अपील पर सेशन कोर्ट ने 2023 में पत्नी के लिए ₹50,000 और बेटी के लिए ₹80,000 का मुआवज़ा देने का आदेश दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 1 जुलाई, 2025 को यह राशि बढ़ाकर क्रमशः ₹1.5 लाख और ₹2.5 लाख कर दी, और 25 अगस्त, 2025 के आदेश द्वारा आठ मासिक किश्तों में बकाया राशि के भुगतान की अनुमति दी।
Case : XXX v State of West Bengal SLP(Crl) No. 016549 - 016552 / 2025

