Campus Suicides Case: सुप्रीम कोर्ट ने NTF के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए निर्देश जारी किए
Shahadat
18 July 2025 12:10 PM

सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई को कॉलेज स्टूडेंट्स में बढ़ती आत्महत्या दरों की जांच के लिए गठित नेशनल टास्क-फोर्स (NTF) को अपना काम कुशलतापूर्वक करने के लिए कुछ निर्देश दिए। न्यायालय ने IIT दिल्ली के दो स्टूडेंट, IIT खड़गपुर के एक स्टूडेंट और राजस्थान के कोटा में हुई एक आत्महत्या के मामले से संबंधित जांच पर अपडेट जानकारी मांगते हुए भी आदेश पारित किए।
24 मार्च के आदेश द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एस. रवींद्र भट की अध्यक्षता वाला NTF स्टूडेंट्स की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान करने और उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए है। IIT दिल्ली के दो स्टूडेंट, जिन्होंने कथित तौर पर जाति-आधारित भेदभाव और शैक्षणिक दबाव के कारण आत्महत्या की थी, उनके अभिभावकों द्वारा दायर याचिका में पारित निर्देशों के अनुसार, किसी भी संस्थान को कैंपस में आत्महत्या की स्थिति में तुरंत FIR दर्ज करनी होगी।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने 14 जुलाई को NTF के गठन का आदेश पारित किया था। खंडपीठ ने एमिक्स क्यूरी और सीनियर एडवोकेट अपर्णा भट द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर मामले की सुनवाई की।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान द्वारा अनुमोदित प्रश्नावली का सर्वेक्षण जामिया मिलिया इस्लामिया, रामजस कॉलेज, दिल्ली, विज्ञान संस्थान और बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान में क्षेत्रीय दौरों के माध्यम से किया गया।
NTF ने अपने सामने आने वाली कुछ चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जैसे सचिवालय की स्थापना, फिजिकल प्लेस ढूंढना और एक वेबसाइट बनाना। भौतिक स्थान की आवश्यकता के संबंध में न्यायालय ने केंद्र को चार सप्ताह के भीतर इसे उपलब्ध कराने का आदेश दिया, जो सभी प्रकार से सुलभ होना चाहिए।
दूसरा, कई राज्यों ने अभी तक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है, जो आवश्यक जानकारी और डेटा उपलब्ध कराएं। ये राज्य हैं: अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, मिज़ोरम, तमिलनाडु, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और लक्षद्वीप।
न्यायालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया, अन्यथा न्यायालय संबंधित मुख्य सचिवों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करेगा।
इसके अलावा, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से जुड़ी समस्या पर भी NTF ने प्रकाश डाला है, क्योंकि यह स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या के मामलों पर इकाई-स्तरीय आंकड़े उपलब्ध नहीं कराता है। UGC, AICTE, डेंटल मेडिकल काउंसिल और नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा प्राप्त आंकड़ों में अंतराल हैं। इसलिए आंकड़ों तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए गृह मंत्रालय के सचिव को पदेन सदस्य के रूप में नियुक्त करने हेतु पृथक आवेदन दायर किया गया। इस आवेदन को न्यायालय ने स्वीकृत कर लिया।
न्यायालय ने इस मामले में शिक्षा मंत्रालय और उच्च शिक्षा विभाग को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी।
मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
Case Details: AMIT KUMAR & ORS. VERSUS UNION OF INDIA & ORS.|Criminal Appeal No.1425/2025