'सुप्रीम कोर्ट पूरे देश का है, सिर्फ तिलक मार्ग का नहीं': सीजेआई ने दिल्ली से बाहर के लोगों के लिए कोर्ट को सुलभता बनाने पर कहा

Avanish Pathak

25 March 2023 12:24 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट पूरे देश का है, सिर्फ तिलक मार्ग का नहीं: सीजेआई ने दिल्ली से बाहर के लोगों के लिए कोर्ट को सुलभता बनाने पर कहा

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने मदुरै में एक कार्यक्रम में कहा कि वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे है कि सुप्रीम कोर्ट पूरे देश में वकीलों और छात्रों के लिए सुलभ हो।

    उन्होंने मदुरै स्थित जिला अदालत परिसर में अतिरिक्त अदालत भवनों की आधारशिला रखी। साथ ही मयिलादुत्रयी में जिला और सत्र न्यायालय और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट का उद्घाटन किया।

    कार्यक्रम में उन्होंने कहा,

    मैं दिल्ली में ना रहने वाले वकीलों और छात्रों की पहुंच सुप्रीम कोर्ट तक सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा हूं। मैं हमेशा कहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट तिलक मार्ग सुप्रीम कोर्ट नहीं है, बल्कि पूरे देश का है।'

    दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्रीय बेंच स्थापित करने का अनुरोध किया था, जिसके जवाब में सीजेआई ने ये बाते कहीं।

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने हाइब्रिड सिस्टम शुरू किया है, ताकि सभी की पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

    हाइब्र‌िड सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि वकील देश में कहीं से भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो सकें और इस प्रकार जजों और एडवोकेटों के बीच एक सहज संबंध सुनिश्चित हो सके।

    उन्होंने कहा कि संवैधानिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत के साथ, कानून के छात्र, जो दूरी और वित्तीय बाधाओं के कारण दिल्ली में इंटर्नशिप करने में असमर्थ हैं, वे अब कार्यवाही देख सकते हैं और सीख सकते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय में कानून कैसे विकसित किया जाता है।

    उन्होंने कहा,

    "न्याय वितरण प्रणाली को लोकलाइज करने के लिए और इसे नागरिकों के करीब लाने की कोशिश में हमने एआई की सहायता से तमिल सहित संविधान में मान्यता प्राप्त अन्य आधिकारिक भाषाओं में जजमेंटों का अनुवाद करना शुरू कर दिया है। मुझे आशा है कि यह न केवल अदालतों को नागरिकों के करीब लाएगा, साथ-साथ उन वकीलों की भी मदद करेगा, जो अंग्रेजी भाषा से परिचित नहीं हैं।"

    सीजेआई ने अपने भाषण में बताया कि कैसे आधुनिक तकनीक के उपयोग में हो रही वृद्धि ने नागरिकों तक पहुंचने में मदद की है।

    महामारी के दौर के आंकड़ों को बताते हुए, उन्होंने कहा कि 23 मार्च 2020 और 13 फरवरी 2023 के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से 4,13,537 मामलों की सुनवाई की थी। हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका 2.62 करोड़ मामलों की सुनवाई हुई थी।

    सीजेआई ने अदालतों के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तमिलनाडु राज्य की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि पिछले साल राज्य ने नौ मंजिला‌ कोर्ट बिल्डिंग परियोजना की नींव रखी थी और एक साल से भी कम समय में, अदालतों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए एक और परियोजना की शुरुआत की है।

    सीजेआई ने अपने भाषण में उल्लेख किया कि देश के अधिकांश अदालत परिसरों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। वकीलों के लिए उचित शौचालय या महिला वकीलों के लिए सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर आदि नहीं हैं।

    उन्होंने कहा, बुनियादी ढांचे के विकास के मुद्दे पर गौर करना आवश्यक था क्योंकि एक आरामदायक कामकाजी माहौल से उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।

    सीजेआई ने न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए अनुरोध का भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि कॉलेजियम हाल ही में महिलाओं और वंचित समूहों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए सचेत प्रयास कर रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन (जो तमिलनाडु से हैं), केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी समारोह में अपनी बात रखी।

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