'टैपेंटाडोल हाइड्रोक्लोराइड अनुसूचित मनोरोगी पदार्थ नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने NDPS मामले में अग्रिम जमानत दी
Shahadat
3 April 2025 2:32 PM

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उस आरोपी को अग्रिम जमानत दी, जिस पर टैपेंटाडोल हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट (मध्यम से गंभीर तीव्र दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक दर्द निवारक दवा) रखने का आरोप था।
चूंकि टैपेंटाडोल हाइड्रोक्लोराइड NDPS Act की अनुसूची में शामिल नहीं है, इसलिए कोर्ट ने कहा कि यह मनोरोगी पदार्थ नहीं है।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने जमानत याचिका पर सुनवाई की, जिसमें अपीलकर्ता के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि एक कार से टैपेंटाडोल हाइड्रोक्लोराइड की 550 गोलियां बरामद की गईं, जिसमें अपीलकर्ता सह-आरोपी (कार मालिक) के साथ यात्रा कर रहा था।
NDPS Act, 1985 की धारा 22 और 29 के तहत अपीलकर्ता के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद, उसने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की। अपनी याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने अपील में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपीलकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि टैपेंटाडोल NDPS अनुसूची में सूचीबद्ध नहीं है, जिसका समर्थन हाईकोर्ट के दो निर्णयों द्वारा किया गया, जिसमें 2024 एससीसी ऑनलाइन मैड 445 और 2022 एससीसी ऑनलाइन बॉम 1631 का हवाला दिया गया।
अपीलकर्ता के तर्क को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि चूंकि टैपेंटाडोल हाइड्रोक्लोराइड अनुसूचित मनोदैहिक पदार्थ नहीं है, इसलिए प्रथम दृष्टया मामले की अनुपस्थिति (एनडीपीएस अनुसूची से टैपेंटाडोल के बहिष्कार के कारण) ने अग्रिम जमानत को उचित ठहराया।
न्यायालय ने कहा,
"यह निर्देश दिया जाता है कि अपीलकर्ता को गिरफ्तार किए जाने की स्थिति में उसे ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जाने वाली शर्तों और नियमों पर ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा किया जाएगा।"
उपर्युक्त के संदर्भ में अपील को अनुमति दी गई।
केस टाइटल: कुलवंत सिंह बनाम पंजाब राज्य