डीआईजी संजीव त्यागी के कथित आपत्तिजनक ऑडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच का आदेश
Praveen Mishra
15 Dec 2025 4:06 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने उस मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया है, जिसमें कथित रूप से एक ऑडियो क्लिप मौजूद है। इस ऑडियो क्लिप में उत्तर प्रदेश के डीआईजी संजीव त्यागी, जो उस समय बिजनौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) थे, के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का आरोप है।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने पुलिस अधीक्षक, बिजनौर को निर्देश दिया है कि जब्त किए गए डिवाइस को सुरक्षित रूप से हैदराबाद स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) तक पहुंचाया जाए।
यह निर्देश उस आवेदन पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें कोर्ट के पहले के आदेश में संशोधन की मांग की गई थी। पहले के आदेश में डीआईजी संजीव त्यागी की वॉयस सैंपल देने का निर्देश दिया गया था। यह मामला इस्लामुद्दीन अंसारी द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि 8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामुद्दीन अंसारी के खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि एफआईआर उस समय दर्ज की गई, जब अंसारी ने डीआईजी संजीव त्यागी के कथित आपत्तिजनक ऑडियो क्लिप को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू करने की बात कही थी।
मामले में 12 दिसंबर को एक बार फिर सुनवाई हुई, जब आदेश में संशोधन से संबंधित अंतरिम आवेदन पर विचार किया गया। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि जिस मोबाइल फोन में ऑडियो रिकॉर्ड किया गया था, वह पहले से ही पुलिस की हिरासत में है। इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया कि एसपी, बिजनौर, जब्त मोबाइल फोन सहित किसी भी डिवाइस को सुरक्षित रूप से एफएसएल, हैदराबाद के निदेशक तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,
“उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता से जब्त किए गए किसी भी उपकरण, जिसमें मोबाइल फोन भी शामिल है, को सुरक्षित रूप से एफएसएल, हैदराबाद के निदेशक तक पहुंचाया जाए।”
यह मामला मार्च 2020, कोविड-19 महामारी के दौरान का है। याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने कथित ऑडियो क्लिप को तत्कालीन एसपी, बिजनौर को भेजकर यह पुष्टि चाही थी कि क्या उसमें मौजूद आवाज उनकी ही है। इसके बाद अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें उन पर सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया।
मामले में 2021 में चार्जशीट दाखिल की गई और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लिया। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा कार्यवाही रद्द करने से इनकार किए जाने के बाद अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को दोपहर 3:30 बजे होगी।

