सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक प्रशासनिक न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्यों का कार्यकाल अगले आदेश तक बढ़ाया

Shahadat

11 Oct 2022 11:12 AM IST

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Karnataka State Administrative Tribunal) के मौजूदा न्यायिक सदस्यों को अगले आदेश तक पद पर बने रहने का निर्देश दिया, बशर्ते कि वे इससे सहमत हों।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट राजेश महाले ने प्रस्तुत किया कि वर्तमान में ट्रिब्यूनल में एक रिक्ति है और 15 अक्टूबर, 2022 तक दो रिक्तियां होंगी। इसके बाद केवल एक न्यायिक सदस्य पर पूरा कार्यभार लद जाएगा।

    जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने यह देखते हुए कि उक्त रिक्तियां ट्रिब्यूनल के कामकाज को प्रभावित करेंगी, खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक न्यायिक सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया।

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि विस्तार तभी लागू होगा जब मौजूदा सदस्य इससे सहमत हों; उन्हें पद पर बने रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    बेंच ने याचिका में नोटिस जारी कर इसे 2 हफ्ते बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

    हाल ही में बेंच ने कैट की कोलकाता बेंच के न्यायिक सदस्य और प्रशासनिक सदस्य के कार्यकाल को भी अगले आदेश तक बढ़ा दिया था। उसमें बेंच ने नोट किया कि कैट, कोलकाता बेंच में 4 सदस्यों की स्वीकृत संख्या है। इनमें दो न्यायिक सदस्य और दो प्रशासनिक सदस्य हैं। यह अवगत कराया गया कि वर्तमान में केवल एक नियमित न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है, जिसका कार्यकाल 23 अगस्त, 2026 को समाप्त होगा।

    कैट बार एसोसिएशन, कोलकाता की ओर से पेश वकील ने प्रस्तुत किया कि मौजूदा सदस्य अभी भी केवल के आधार पर पद धारण कर रहे हैं। इस प्रकार दिया गया विस्तार 29 सितंबर, 2022 को समाप्त हो जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कैट, कोलकाता बेंच निष्क्रिय हो जाती है तो 3 राज्य प्रभावित होंगे। इन सबमिशन पर विचार करते हुए बेंच ने विस्तार आदेश पारित किया।

    सुनवाई के दौरान एएसजी बलबीर सिंह ने पीठ को सूचित किया कि देश भर में 17 प्रशासनिक सदस्यों की नियुक्ति का प्रस्ताव कैबिनेट की नियुक्ति समिति को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि मंजूरी दो सप्ताह के भीतर आने की उम्मीद है।

    [केस टाइटल: कृष्णा बी और अन्य बनाम भारत सरकार डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 829/2022]

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