क्या ईएसआई एक्ट के तहत बीमित कर्मचारी मोटर दुर्घटना मुआवजे का दावा कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को रेफर किया

Shahadat

27 Jan 2023 7:22 AM GMT

  • क्या ईएसआई एक्ट के तहत बीमित कर्मचारी मोटर दुर्घटना मुआवजे का दावा कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को रेफर किया

    क्या कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत बीमित कर्मचारी मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजे का दावा कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया।

    संदर्भित प्रश्न यह है कि क्या ईएसआई एक्ट के तहत भुगतान की गई बीमा राशि "समान लाभ" है, जैसा कि मोटर दुर्घटना के दावे में दावा किया गया मुआवजे की राशि है।

    इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ईएसआई एक्ट की धारा 53 के तहत विचार किए गए बार के मद्देनजर ईएसआई एक्ट के तहत बीमाकृत कर्मचारी द्वारा किया गया दावा सुनवाई योग्य नहीं होगा।

    अधिनियम की धारा 53 में प्रावधान है कि बीमित व्यक्ति या उसके आश्रित, चाहे बीमित व्यक्ति के नियोक्ता से या किसी अन्य व्यक्ति से कामगार मुआवजा अधिनियम, 1923 या किसी अन्य कानून के तहत कोई मुआवजा या क्षति प्राप्त करने या वसूल करने का हकदार नहीं होगा। अधिनियम के तहत कर्मचारी के रूप में बीमित व्यक्ति द्वारा सहन की गई रोजगार चोट के संबंध में समय से लागू या अन्यथा है। अधिनियम की धारा 61 में प्रावधान है कि जब कोई व्यक्ति इस अधिनियम द्वारा प्रदान किए गए किसी भी लाभ का हकदार है तो वह किसी अन्य अधिनियम के प्रावधानों के तहत स्वीकार्य समान लाभ प्राप्त करने का हकदार नहीं होगा।

    इस फैसले के खिलाफ दायर अपील में अपीलकर्ता-दावेदार ने तर्क दिया कि ईएसआई एक्ट की धारा 53 और 61 के तहत रोक केवल तभी है, जब कर्मचारी द्वारा समान लाभ लिया जाता है और इस मामले में इसे वैसा ही लाभ नहीं कहा जा सकता जैसा कि दावा किया जा रहा है। मामले में कर्मचारी ने क्षेत्रीय निदेशक ई.एस.आई कॉर्पोरेशन और अन्य बनाम फ्रांसिस डे कोस्टा और अन्य (1993) आपूर्ति (4) एससीसी 100 पर भरोसा किया गया। वहीं प्रतिवादी ने वेस्टर्न इंडिया प्लाइवुड लिमिटेड बनाम पी. अशोकन (1997) 7 एससीसी 638 और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम हमीदा खातून (2009) 13 एससीसी 361 दो निर्णयों का हवाला दिया।

    इन निर्णयों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं है कि क्या ईएसआई एक्ट के तहत भुगतान की गई बीमा राशि "समान लाभ" है, जिस मुआवजे का दावा उस मामले में किया जाता है, जहां मोटर वाहन दुर्घटना और उसका दावा होता है। जिससे उस पर रोक लगाई जा सके।

    अदालत ने इस तर्क पर भी ध्यान दिया कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 बाद का अधिनियम है और अधिनियम की धारा 163 (ए) और 167 में प्रावधान गैर-अस्थिर क्लाज के साथ शुरू होते हैं। वादी को मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजा दावा करने के लिए ईएसआई एक्ट के तहत बीमित कर्मचारी के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए।

    पीठ ने इसलिए इस पहलू पर आधिकारिक घोषणा के लिए मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया।

    केस विवरण- राजकुमार अग्रवाल बनाम वाहन टाटा वेंचर | लाइवलॉ (SC) 62/2023| सीए 4941/2022 | 19 जनवरी 2023 | जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस सुधांशु धूलिया

    हेडनोट्स- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948; धारा 53, 61 - मोटर वाहन अधिनियम, 1988; धारा 163ए, 167 - क्या कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत बीमित कर्मचारी मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजे का दावा कर सकता है- क्या ईएसआई एक्ट के तहत भुगतान की गई बीमा राशि मुआवजे के समान "समान लाभ" है, जिसका दावा किया गया है। मामला में मोटर वाहन दुर्घटना का दावा मौजूद है। इसे बड़ी बेंच को भेजा गया।

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