'कोर्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनाने के लिए राज्य को बाध्य नहीं कर सकता': सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में NEP लागू करने की याचिका खारिज की

Shahadat

9 May 2025 11:34 AM IST

  • कोर्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनाने के लिए राज्य को बाध्य नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में NEP लागू करने की याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज की, जिसमें उक्त व्यक्ति ने तमिलनाडु राज्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) (NEP) को लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें 'तीन-भाषा फॉर्मूला' भी शामिल है।

    जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत किसी भी राज्य को NEP अपनाने के लिए बाध्य करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता।

    जीएस मणि द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा:

    "राज्यों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाना चाहिए या नहीं, यह एक जटिल मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 32 के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी कर सकता है। वह सीधे तौर पर किसी राज्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जैसी नीति अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। हालांकि, यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित किसी राज्य की कार्रवाई या निष्क्रियता किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है तो न्यायालय हस्तक्षेप कर सकता है। हम इस रिट याचिका में इस मुद्दे की जांच करने का प्रस्ताव नहीं रखते हैं। हमारा मानना ​​है कि याचिकाकर्ता का उस कारण से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका वह समर्थन करने का प्रस्ताव रखता है। यद्यपि वह तमिलनाडु राज्य से हो सकता है, फिर भी उसके स्वयं के प्रवेश पर वह नई दिल्ली में रहता है। ऐसी परिस्थितियों में यह याचिका खारिज की जाती है।"

    खंडपीठ ने यह भी कहा कि "मुख्य मुद्दे की न्यायालय द्वारा उचित कार्यवाही में जांच की जा सकती है।"

    बता दें कि जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई खंडपीठ ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित याचिकाकर्ता से पूछा,

    "आप कौन हैं? राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आपका क्या संबंध है?"

    याचिकाकर्ता ने कहा कि वह तमिलनाडु से है और अब दिल्ली में बस गया है।

    उन्होंने जवाब दिया,

    "इस तरह की नीति" (तमिलनाडु के स्कूलों में हिंदी नहीं पढ़ाए जाने) के कारण वह आसानी से हिंदी नहीं सीख सकता।

    जस्टिस पारदीवाला ने याचिकाकर्ता से कहा,

    "तो अब दिल्ली में हिंदी सीखो, ना?"

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में कहा कि NEP 2020 को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा, उन्होंने कहा कि इसका त्रि-भाषा फॉर्मूला हिंदी थोपने का एक प्रयास है।

    केस टाइटल: जी.एस. मणि बनाम तमिलनाडु सरकार और अन्य | डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 260/2025

    Next Story