सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक मामले के आरोपियों के साथ मिलीभगत करने वाले तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

6 Oct 2021 4:45 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को जेल में रहने के दौरान अनुचित सहायता प्रदान करने वाले तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया। इससे पहले कोर्ट ने चंद्र बंधुओं को तिहाड़ से स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था और दिल्ली पुलिस द्वारा जांच के आदेश दिए थे।

    कोर्ट ने यूनिटेक कंपनी से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिए गए चंद्र बंधुओं को तिहाड़ से मुंबई की तलोजा जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय की एक जांच रिपोर्ट में यह पता चलने के बाद दिया था कि तिहाड़ जेल के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से वे कई अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।

    जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने 26 अगस्त को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को ईडी की रिपोर्ट के आधार पर तिहाड़ जेल स्टाफ के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया।

    दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में पीठ ने बुधवार को आदेश दिया कि जिन अधिकारियों को यूनिटेक के आरोपियों के साथ प्रथम दृष्टया मिलीभगत में शामिल पाया गया उन्हें जांच के लिए निलंबित कर दिया जाए।

    पीठ को यह भी बताया गया कि संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

    कोर्ट ने 26 अगस्त को नोट किया कि ईडी की रिपोर्ट में तिहाड़ सेंट्रल जेल के परिसर का उपयोग करने के तरीके का विशिष्ट विवरण था-

    (1) जेल मैनुअल का उल्लंघन करके अवैध गतिविधियों में लिप्त होना; (2) कार्यवाही को समाप्त करने के प्रयास करना; (3) गवाहों को प्रभावित करना और जांच को पटरी से उतारने का प्रयास करना।

    अदालत ने यह भी देखा कि तिहाड़ जेल परिसर में की जा रही इन अवैध गतिविधियों में अदालत के अधिकार को कमजोर करने और जांच को पटरी से उतारने की प्रवृत्ति है, जिसे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच करने का आदेश दिया गया।

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