लॉ ग्रेजुएट को वकील के रूप में अस्थायी नामांकन के साथ अन्य नौकरी की अनुमति दी जा सकती है, अगर वे अंडरटेकिंग दें कि AIBE पास करने के 6 माह के भीतर नौकरी छोड़ देंगे : सुप्रीम कोर्ट में बीसीआई ने कहा
Shahadat
3 Aug 2022 11:54 AM IST
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने प्रस्ताव पारित किया कि लॉ ग्रेजुएट को वकील के रूप में अस्थायी नामांकन के साथ अन्य नौकरी की अनुमति दी जा सकती है, अगर वे अंडरटेकिंग दें कि अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करने के 6 माह के भीतर नौकरी छोड़ देंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत इस आशय का प्रस्ताव सांविधिक निकाय द्वारा पारित किया गया है। इसमें इस सुझाव को स्वीकार किया गया कि अन्य रोजगार में लगे व्यक्तियों को अस्थायी रूप से एडवोकेट के रूप में नामांकन करने की अनुमति दी जा सकती है।
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बीसीआई की अपील में एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने यह सुझाव दिया था। गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अन्य रोजगार वाले व्यक्तियों को अपनी नौकरी से इस्तीफा दिए बिना एडवोकेट के रूप में नामांकन करने की अनुमति दी थी।
जवाबी हलफनामे में बीसीआई ने कहा कि प्रत्येक राज्य बार काउंसिल में एआईबीई के लिए तीन रजिस्टर होंगे:
1. रजिस्टर ए में उन उम्मीदवारों के नाम शामिल होंगे जो एआईबीई पास करते हैं। उन्हें प्रैक्टिस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है और वे कानूनी पेशे में बने रहते हैं।
2. रजिस्टर बी में उन उम्मीदवारों के नाम होंगे जो कहीं ओर सेवा या नौकरी में हैं। उन्हें एआईबीई रिजल्ट से 6 महीने की अवधि के भीतर अपनी नौकरी छोड़ने के साथ एआईबीई में उपस्थित होने की अनुमति दी गई है।
3. गौरतलब है कि ऐसे उम्मीदवारों की वरिष्ठता को उनके रोजगार छोड़ने की तारीख से गिना जाएगा। उन्हें एआईबीई सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (सीओपी) तभी जारी किया जाएगा जब वे यह अंडरटेकिंग देंगे कि उन्होंने रोजगार छोड़ दिया है।
रजिस्टर सी में उन व्यक्तियों के नाम शामिल होंगे जो खुद को किसी राज्य बार काउंसिल में नामांकित करते हैं, एआईबीई को मंजूरी देते हैं और कुछ नौकरी/रोजगार लेने के लिए अपना लाइसेंस निलंबित कर देते हैं।
उल्लेखनीय है कि लॉ ग्रेजुएट जो 5 साल या उससे अधिक समय तक रोजगार में रहते हैं, जिनका कानूनी या न्यायिक मामलों से कोई संबंध नहीं है। अब अगर वे कानूनी पेशे में फिर से शामिल होना चाहते हैं तो उन्हें फिर से एआईबीई को पास करना होगा।
प्रस्ताव को "सीलबंद लिफाफे" में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।
बीसीआई ने यह भी कहा कि एआईबीई के लिए निगरानी समिति के प्रमुख के लिए एक पूर्व न्यायाधीश को नामित किया गया है। यह समिति इस बात की जांच करेगी कि परीक्षा प्रक्रिया कैसे लॉ जॉब के कौशल और ज्ञान का परीक्षण करने के लिए बेहतर विश्लेषणात्मक सोच प्रक्रिया पर आधारित हो सकती है।
समिति का विवरण सीलबंद लिफाफे में भेजा जाएगा।
केस टाइटल: बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम ट्विंकल राहुल मंगोनकर और अन्य। 2022 की सिविल अपील नंबर 816-817