सुप्रीम कोर्ट ने रोड रेज मामले में जमानत देते हुए ओडिशा विधायक को 'एक साल तक किसी भी सार्वजनिक रैली को संबोधित करने से रोका'
Shahadat
29 July 2022 2:55 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने रोड रेज के मामले में ओडिशा के आरोपी विधायक को जमानत देते हुए उन्हें एक साल के लिए किसी भी सार्वजनिक रैली को संबोधित करने से रोक दिया।
जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने उन्हें जिला कलेक्टर से अनुमति लिए बिना एक वर्ष की अवधि के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र (चिलिका) में जाने से भी रोक दिया।
विधायक प्रशांत कुमार जगदेव पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर अपनी सफेद रंग की डिस्कवरी कार चलाई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। आरोप लगाया गया कि 20 घायल पीड़ितों में से दो को गंभीर चोटें आई हैं और अन्य को साधारण चोटें आईं।
ओडिशा हाईकोर्ट ने इससे पहले उनकी जमानत अर्जी खारिज कर कर दिया था।
ओडिशा हाईकोर्ट के जस्टिस एस. पुजाहारी ने आदेश में कहा,
"जैसा कि इससे पता चला कि प्रदर्शनकारियों पर वाहन चलाने की धमकी देते हुए उन्होंने वाहन को भीड़ पर चढ़ा दिया, वह भी एक अलग वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग करके। इस तरह के विभत्स कृत्य को कभी भी जन प्रतिनिधि बनने के रूप में नहीं माना जा सकता है।"
अदालत ने यह भी नोट किया कि वह लगभग बारह आपराधिक मामलों में शामिल हैं और 'राज्य विधानमंडल का सदस्य होने के नाते साधन संपन्न और प्रभावशाली व्यक्ति' भी है।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर अपील में प्रस्तुत किया गया कि इस घटना के संबंध में विधायक द्वारा क्रॉस एफआईआर प्रस्तुत की गई है और जो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं वे भी अस्पताल से आ चुके हैं।
इस पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने उन्हें जमानत दे दी।
पीठ ने इसके साथ ही जमानत देते हुए आरोपी पर निम्नलिखित शर्तें लगाईं:
1) वह जिला कलेक्टर से अनुमति लिए बिना एक वर्ष की अवधि के लिए चिल्का निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं करेगा।
2) एक वर्ष की इस अवधि के भीतर वह किसी भी सार्वजनिक रैली या राजनीतिक सभा को संबोधित नहीं करेगा, जिसमें पांच से अधिक व्यक्ति न हों।
3) वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी गवाह को प्रभावित नहीं करेगा। विचारण न्यायालय जमानत की कोई अन्य शर्ते लगाने के लिए स्वतंत्र है।
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