अमित शाह का भतीजा बनकर ठगी करने के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने दी ज़मानत

Praveen Mishra

1 Dec 2025 5:04 PM IST

  • अमित शाह का भतीजा बनकर ठगी करने के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने दी ज़मानत

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस व्यक्ति को ज़मानत दे दी, जिस पर गृह मंत्री अमित शाह के भतीजे के रूप में खुद को पेश कर एक व्यवसायी से 3.90 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है।

    जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की बेंच ने पाया कि आरोपी चार साल से अधिक समय से जेल में है, जबकि संबंधित अपराधों की अधिकतम सज़ा सात वर्ष है। 2022 में आरोप तय होने के बावजूद अब तक 34 में से केवल पहले गवाह की ही जिरह शुरू हो पाई है।

    सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने दिल्ली सरकार की ओर से ज़मानत का कड़ा विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आरोपी के खिलाफ फ़र्ज़ीवाड़े की धाराएँ (467, 471 और 120B IPC) जोड़ने का आवेदन लंबित है और आरोपी पर अन्य मामले भी दर्ज हैं। एएसजी ने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है जिसमें उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों के नाम का दुरुपयोग किया गया।

    हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट इस तर्क से संतुष्ट नहीं हुई। जस्टिस महेश्वरी ने टिप्पणी की— “हम क़ानून के हिसाब से चलेंगे, इधर-उधर नहीं जाएंगे।” जब शिकायतकर्ता की जिरह पूरी होने तक रिहाई रोकने का अनुरोध किया गया, तो उन्होंने कहा— “नहीं, कुछ नहीं। यह मामला पहले आता तो हम ज़मानत पहले भी दे देते।”

    दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ज़मानत याचिका खारिज किए जाने के बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

    एफ़आईआर के मुताबिक, आरोपी ने खुद को 'अजय शाह', यानी गृह मंत्री के भतीजे के रूप में पेश किया और राष्ट्रपति भवन के नवीनीकरण के लिए लेदर सप्लाई का 90 करोड़ रुपये का सरकारी टेंडर दिलाने का दावा किया। शिकायतकर्ता से 3.90 करोड़ रुपये नकद और RTGS के माध्यम से विभिन्न चरणों में लिए गए। बाद में चार्जशीट दाख़िल हुई, लेकिन आरोपी द्वारा कथित तौर पर दिए गए फ़र्ज़ी चेकों के आधार पर और कड़ी धाराएँ जोड़ने का प्रयास किया गया।

    हाईकोर्ट ने यह कहते हुए ज़मानत से इनकार किया था कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, फ़र्ज़ीवाड़े की धाराएँ जोड़ने का मुद्दा लंबित है, और वह पहले भी इसी तरह के एक अन्य मामले में शामिल रहा है, जिसे उसने 75 लाख रुपये देकर सुलझाया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को ज़मानत देने का आदेश जारी किया।

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