'आप हाईकोर्ट जाएं': तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियमों को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से बोला सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
9 April 2025 12:19 PM

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में (1 अप्रैल) तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती से संबंधित कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ताओं से संबंधित हाईकोर्ट्स में जाने को कहा।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट राज्य कानूनों के आयामों को बेहतर ढंग से समझने की स्थिति में होंगे।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं के हाईकोर्ट्स में जाने के अधिकार को सुरक्षित रखते हुए कहा,
"हमें लगता है कि याचिकाकर्ताओं द्वारा शिकायतों को व्यक्त करने का अधिक प्रभावी तरीका संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों को संबंधित क्षेत्राधिकार वाले हाईकोर्ट्स के समक्ष चुनौती देना है, जिससे हाईकोर्ट संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों की चुनौती के आयामों को बेहतर ढंग से समझ सकें।"
न्यायालय ने कहा,
"यदि याचिकाकर्ताओं द्वारा संबंधित हाईकोर्ट्स के समक्ष ऐसी रिट याचिकाएं दायर की जाती हैं तो मामले के सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहलुओं के प्रकाश में प्रावधानों के विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए उन पर विचार किया जा सकता है, जो कि मूलतः मामले के ऐतिहासिक पहलू हैं, जिसमें न्यायालयों के न्यायिक फैसले भी शामिल हैं।"
न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि हाईकोर्ट उचित समझें तो वे मामलों पर निर्णय लेने के उद्देश्य से उक्त समिति की सिफारिशों की सहायता लेने के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
कुछ याचिकाएं 2012 से लंबित हैं।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि कानून हिंदू धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन और नियंत्रण में राज्य के हस्तक्षेप की अनुमति देते हैं। इस प्रकार, संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1959, आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्थान और बंदोबस्ती अधिनियम, 1987, तेलंगाना हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1987, पुडुचेरी हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम को चुनौती दी गई। कुछ याचिकाकर्ताओं ने तमिलनाडु के कुछ प्रमुख मंदिरों के कार्यकारी अधिकारियों की सरकार द्वारा नियुक्ति को भी चुनौती दी।
केस टाइटल: श्री दयानंद सरस्वती स्वामीजी (मृत) और अन्य बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य और संबंधित मामले