सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों को 30 सितंबर तक मिले चुनावी बांड फंडिंग का डाटा पेश करे

Avanish Pathak

2 Nov 2023 4:08 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों को 30 सितंबर तक मिले चुनावी बांड फंडिंग का डाटा पेश करे

    चुनावी बांड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। श‌ीर्ष अदालत ने गुरुवार को चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों को 30 सितंबर तक उन्हें चुनाव बांड से प्राप्त धन का ब्योरा जुटाने और उसे कोर्ट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।

    उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ चुनावी बांड स्कीम के खिलाफ दायर या‌चिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

    चीफ जस्टिस ऑफ इं‌डिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने चुनावी बांड डोनेशन का डाटा उपलब्ध नहीं होने पर चुनाव आयोग से नाराज़गी जताई। पीठ ने कहा कि 12 अप्रैल, 2019 को पारित अंतरिम आदेश के अनुसार, चुनाव आयोग आज तक चुनावी बांड फंडिंग के डाटा को मेंटेन करने के लिए बाध्य था।

    चुनाव आयोग की ओर से पेश एडवोकेट अमित शर्मा ने अदालत को बताया कि चुनाव आयोग की धारणा थी कि अप्रैल 2019 का आदेश केवल 2019 के लोकसभा चुनावों के संबंध में जारी चुनावी बांड से संबंधित था। हालांकि कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार किया और कहा कि आदेश में साफ है कि डाटा लगातार इकट्ठा करना होगा।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, " हमने उस डाटा को फ्रीज नहीं किया है, जिसे मेंटेन रखना था। आपको डाटा जुटाना जारी रखना था।"

    जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि ईसीआई को संदेह होने पर कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था।

    ज‌स्टिस खन्ना ने कहा, "जब आप अदालत आ रहे थे तो आपके पास डाटा होना चाहिए था...हमने उस दिन आदेश पढ़ा ‌थ। हम सभी ने एक विचार व्यक्त किया और हमें उम्मीद थी कि आप उस डाटा के साथ वापस आएंगे।"

    सीजेआई ने कहा, "हम इस स्तर पर एसबीआई से दानदाताओं की पहचान उजागर करने के लिए नहीं कहेंगे। वर्तमान स्तर पर इसमें किसी की दिलचस्पी नहीं है, लेकिन हम मात्रा जानना चाहेंगे।"

    चुनाव आयोग ने तब वर्तमान तिथि तक डेटा एकत्र करने पर सहमति व्यक्त की थी। एडवोकेट ने अदालत को अप्रैल 2019 के आदेश के संदर्भ में राजनीतिक दलों की ओर से दिया गया डटा का एक सीलबंद लिफाफा भी सौंपा था।

    अप्रैल 2019 के आदेश में न्यायालय ने "सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था, जिन्होंने चुनावी बांड के माध्यम से डोनेशन प्राप्त किया है, कि वे सीलबंद कवर में चुनाव आयोग को प्रत्येक बांड के दानदाताओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें; ऐसे प्रत्येक बांड की राशि और प्रत्येक बांड के बदले प्राप्त क्रेडिट का पूरा विवरण, यानि उस बैंक खाते का विवरण जिसमें राशि जमा की गई है और ऐसे प्रत्येक क्रेडिट की तारीख आदि.."। आदेश के मुताबिक, विवरण सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को दिया जाना था।

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