'राजनीतिक कलह से ऊपर उठें': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एलजी को साथ बैठकर डीईआरसी अध्यक्ष के लिए नाम तय करने को कहा

Shahadat

17 July 2023 10:14 AM GMT

  • राजनीतिक कलह से ऊपर उठें: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एलजी को साथ बैठकर डीईआरसी अध्यक्ष के लिए नाम तय करने को कहा

    GNCTD vs Delhi Govt case

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल से दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की नियुक्ति के संबंध में गतिरोध का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने और इस पद के लिए पारस्परिक रूप से सहमत नाम के साथ आने का आग्रह किया।

    पिछले हफ्ते कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सेवानिवृत्त न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था, जिस याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा था कि उम्मीदवार को उसकी सहमति के बिना एलजी ने एकतरफा नॉमिनेट किया।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने आश्चर्य जताया कि क्या संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच सौहार्दपूर्ण चर्चा के माध्यम से समाधान संभव नहीं है।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

    "क्या सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के तौर-तरीकों के मुताबिक होना चाहिए? क्या एलजी और सरकार बैठ कर डीईआरसी के अध्यक्ष के लिए नाम तय कर सकते हैं? वे संवैधानिक पदाधिकारी हैं। उन्हें राजनीतिक झगड़े से ऊपर उठना होगा, उन्हें नाम पर सहमति देनी होगी।"

    दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और दिल्ली एलजी की ओर से पेश सीनियर वकील हरीश साल्वे इस मामले पर अपने-अपने मुवक्किलों से निर्देश प्राप्त करने के लिए सहमत हुए। हालांकि सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना गतिरोध को हल करने में आशावाद की कमी व्यक्त की।

    साल्वे ने कहा,

    "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार के वकील ने यह कहना शुरू कर दिया कि उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। पहली प्रतिक्रिया यह होनी चाहिए कि हां, हम यह करेंगे।"

    सिंघवी ने कहा कि वह सिर्फ यथार्थवादी हैं और उन्होंने डीईआरसी के ''नेतृत्वहीन'' बने रहने पर दुख व्यक्त किया।

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,

    "अगर दोनों साथ बैठें और एक-दूसरे से बात करें तो मुझे यकीन है कि इसका समाधान निकाला जा सकता है।"

    खंडपीठ ने दिल्ली सरकार और एलजी के बीच चर्चा के नतीजे का इंतजार करने के लिए मामले को गुरुवार के लिए पोस्ट कर दिया।

    दिल्ली सरकार ने जीएनसीटीडी (संशोधन) अध्यादेश 2023 की धारा 45डी की संवैधानिकता और डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की। दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि अध्यादेश की धारा 45डी के तहत दिल्ली के वैधानिक निकायों और आयोगों के सदस्यों की नियुक्ति के लिए एलजी को अंतिम शक्ति प्रदान करना, संविधान और संघवाद के सिद्धांतों के विपरीत है।

    दिल्ली सरकार द्वारा जीएनसीटीडी (संशोधन) अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक और याचिका भी सूचीबद्ध की गई, जो एलजी को सेवाओं पर अधिभावी नियंत्रण देता है। खंडपीठ ने खुलासा किया कि वह उस मुद्दे पर संविधान खंडपीठ के संदर्भ पर विचार कर रही है और उस मामले को भी गुरुवार के लिए पोस्ट कर दिया।

    मामले की पृष्ठभूमि

    यह मुद्दा तब उठा जब डीईआरसी के पिछले अध्यक्ष, सेवानिवृत्त इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज, जस्टिस शबीहुल हसनैन ने 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 09.01.2023 को पद छोड़ दिया। नतीजतन, 04.01.2023 को सेवानिवृत्त एमपी हाईकोर्ट के जज, जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति का प्रस्ताव दिल्ली के एनसीटी के एलजी के समक्ष रखा गया। हालांकि, सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और डीईआरसी लगभग 4 महीने तक बिना चेयरपर्सन के काम करता रहा।

    उपराज्यपाल ने यह रुख अपनाया कि दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की राय की आवश्यकता है या नहीं, इस पर उन्हें कानूनी सलाह की आवश्यकता है।

    अप्रैल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने जज राजीव कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी देने में दिल्ली एलजी की निष्क्रियता के खिलाफ जीएनसीटीडी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर नोटिस जारी किया।

    19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार, केवल उस हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सहमति की आवश्यकता है, जहां से अनुशंसित जज सेवानिवृत्त हुए हैं और दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सहमति की आवश्यकता नहीं है। इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को अनुवर्ती कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

    चूंकि जस्टिस श्रीवास्तव ने पद स्वीकार करने में कठिनाई व्यक्त की, इसलिए दिल्ली सरकार ने 21 जून को अन्य व्यक्ति राजस्थान हाईकोर्ट के जज (सेवानिवृत्त) संगीत लोढ़ा का नाम प्रस्तावित किया। हालांकि, उसी दिन राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज (सेवानिवृत्त) जस्टिस उमेश कुमार को डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।

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