क्या दरगाह गिराए जाने के खिलाफ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से मना किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट से पूछा

Shahadat

18 April 2025 9:53 AM

  • क्या दरगाह गिराए जाने के खिलाफ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से मना किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट से पूछा

    सुप्रीम कोर्ट ने एक असाधारण कदम उठाते हुए हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से इस आरोप पर स्पष्टीकरण मांगा कि हजरत सतपीर सैयद बाबा दरगाह के खिलाफ नासिक नगर निगम द्वारा जारी किए गए विध्वंस नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से मना कर दिया गया।

    दरगाह प्रबंधन ने 1 अप्रैल को जारी किए गए विध्वंस नोटिस के खिलाफ 7 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। कथित तौर पर 9 अप्रैल को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि हाईकोर्ट मामले को सूचीबद्ध नहीं कर रहा है।

    जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने 16 अप्रैल को मामले पर विचार किया और स्थिति पर आश्चर्य व्यक्त किया।

    खंडपीठ ने टिप्पणी की,

    "हम यह समझने में असमर्थ हैं कि 9 अप्रैल से आज तक क्या हुआ। वकील ने प्रस्तुत किया कि वे मामले को सूचीबद्ध करने के लिए हर दिन प्रयास कर रहे हैं।"

    मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां एक धार्मिक संरचना को ध्वस्त किए जाने का खतरा था, खंडपीठ ने विध्वंस नोटिस पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

    खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दिए गए बयान के मद्देनजर उसने यह असाधारण कदम उठाया है कि उनके लगातार प्रयासों के बावजूद हाईकोर्ट मामले को सूचीबद्ध नहीं कर रहा है। पीठ ने कहा कि वकील को इस गंभीर बयान की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

    कहा गया,

    "हमने सीनियर वकील के इस विशिष्ट बयान के मद्देनजर यह असाधारण कदम उठाया है कि मामले को सूचीबद्ध करने के लिए हर दिन प्रयास किए गए। हम दिए गए बयान के बारे में अनिश्चित हैं और हाईकोर्ट ने बार-बार अनुरोध के बावजूद मामले को सूचीबद्ध नहीं किया होगा। यह एक गंभीर बयान है और वकील को इस तरह के बयान के परिणाम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"

    सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को याचिका की लिस्टिंग स्थिति के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को फिर से होगी। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगन आदेश पारित करने से कुछ घंटे पहले दरगाह को ध्वस्त कर दिया गया था।

    केस टाइटल: हजरत सतपीर सैयद बाबा दरगाह बनाम नासिक नगर निगम और अन्य

    Next Story