स्कूली मैदान में रामलीला समारोह को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

Shahadat

24 Sept 2025 3:01 PM IST

  • स्कूली मैदान में रामलीला समारोह को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

    उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में स्कूल मैदान में चल रहे रामलीला समारोह पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के एकतरफा रोक को चुनौती देने वाली रामलीला आयोजन समिति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल (गुरुवार) सुनवाई करेगा।

    जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद तत्काल सुनवाई की अनुमति दी। याचिकाकर्ता (रामलीला आयोजन समिति) की ओर से मामले का उल्लेख करने वाले वकील ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ही एकतरफा आदेश पारित कर दिया।

    उन्होंने कहा,

    "एक जनहित याचिका में कोर्ट ने चल रही रामलीला की कार्यवाही पर रोक लगाई...हमने आदेश पारित होने से एक दिन पहले ही इसे आयोजित किया था...जनहित याचिका याचिकाकर्ता के कहने पर हाईकोर्ट ने हमें पक्षकार बनाए बिना या हमारी बात सुने बिना ही चल रही रामलीला की कार्यवाही पर इस आधार पर रोक लगा दी कि स्कूल मैदान में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है और इससे स्कूल की गतिविधियों में बाधा आ रही है।"

    उनकी सुनवाई के बाद जस्टिस कांत ने मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

    संक्षेप में मामला

    हाईकोर्ट ने यह आदेश जनहित याचिका पर पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि स्कूल के खेल के मैदान को रामलीला जैसे आयोजनों के लिए स्थायी स्थान में बदलने के लिए सीमेंट की इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई गईं। इसके अलावा, स्कूल के मुख्य द्वार को 'सीता राम द्वार' में बदल दिया गया और स्कूल के मुख्य द्वार पर कई झूले आदि लगाए गए।

    जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता ने दावा किया कि 18 दिनों तक 'रामलीला' के मंचन के दौरान शिक्षण गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी। इसके अलावा, बच्चों को खेल के मैदान से वंचित होना पड़ेगा।

    इसके विपरीत राज्य के अधिकारियों ने दलील दी कि स्कूल के मैदान में जलभराव होने के कारण इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई गईं। रामलीला के आयोजन को इस आधार पर उचित ठहराया गया कि यह पिछले 100 वर्षों से हो रहा है और इसका समय शाम 7 से 10 बजे के बीच ही रहेगा। हालांकि, हाईकोर्ट इससे सहमत नहीं हुआ।

    हाईकोर्ट ने कहा,

    "निर्देशों से यह पता नहीं चलता कि स्कूल परिसर में रामलीला का आयोजन कौन कर रहा है और किसने इसकी अनुमति दी है, जबकि यह माना जाता है कि संबंधित भूमि जिला परिषदीय विद्यालय, टूंडला के नाम दर्ज है। इसके अलावा, खेल के मैदान में इतना बड़ा मंच आदि स्थापित होने के बावजूद, यह दावा कि शिक्षण गतिविधियां प्रभावित नहीं हो रही हैं, प्रत्यक्षतः वास्तविक स्थिति के विपरीत है।"

    अदालत ने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल के मैदान को रामलीला जैसी गतिविधियों के आयोजन के लिए स्थायी स्थान में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि अस्वीकार्य है। राज्य प्राधिकारियों से प्रति-शपथपत्र मंगवाते हुए हाईकोर्ट ने स्कूल के मैदान का उपयोग रामलीला गतिविधियों के लिए करने पर रोक लगाई। इससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता-समन्वयक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    केस टाइटल: श्री नगर राम लीला महोत्सव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य, डायरी संख्या 55261/2025

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