सुप्रीम कोर्ट ने एनएमडीसी को पन्ना में हीरा खनन फिर से शुरू करने की अनुमति दी
Shahadat
30 Nov 2022 4:00 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) को पन्ना में हीरा खनन गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी। कोर्ट ने यह आदेश यह देखते हुए दिया कि एनएमडीसी को वन्यजीव मंजूरी और पर्यावरण मंजूरी मिल गई है।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने एनएमडीसी द्वारा टीएन गोडावर्मन थिरुमलपाद मामले में दायर आवेदन की अनुमति देते हुए आदेश पारित किया, जिसमें न्यायालय 1996 से पर्यावरण के मुद्दों पर विचार कर रहा था।
बेंच ने आदेश इस प्रकार निर्धारित किया,
"आवेदन के अवलोकन से पता चलता है कि आवेदक को पहले ही वन मंजूरी मिल चुकी है। वन्यजीव मंजूरी देने के प्रस्ताव पर विचार किया गया और मंजूरी के नवीनीकरण के प्रस्ताव पर भी अनुकूल रूप से विचार किया गया। ईआईए के तहत पर्यावरण मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
इस कोर्ट के आदेश के बाद बाघों की आबादी में इजाफा हुआ है, जो पहले जीरो हो गया था।
कोर्ट ने कहा,
इसलिए हम इस विषय को अधिकारियों द्वारा सभी शर्तों के साथ अनुमति देने के इच्छुक हैं। साथ ही इस न्यायालय के दिनांक 13.8.2008 के आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा।"
एनएमडीसी की ओर से सीनियर एडवोकेट चंदर उदय सिंह ने प्रस्तुत किया कि पन्ना, जिसने 2005 में अपने सभी बाघों को खो दिया था, उसने बाघों की आबादी को वापस पा लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पीएसयू को हीरा खनन फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो बदमाश खदानों को लूट लेंगे।
जस्टिस गवई ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"बाघ के अवैध शिकार के बजाय हीरे का शिकार होगा।"