सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को एक करोड़ रुपए जमा करवाने की शर्त पर विदेश यात्रा करने की मंजूरी दी

LiveLaw News Network

25 Oct 2021 1:23 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को एक करोड़ रुपए जमा करवाने की शर्त पर विदेश यात्रा करने की मंजूरी दी

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की विदेश यात्रा की अर्जी को एक करोड़ रुपये जमा करने की शर्त पर मंजूर कर लिया।

    वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस, आईएनएक्स मीडिया मामलों में जमानत पर बाहर होने के कारण विदेश यात्रा करने की अनुमति लेने के लिए शीर्ष अदालत में आवेदन दायर किया था।

    न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने कार्ति को विदेश यात्रा करने की अनुमति दी। हालांकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह कहते हुए आवेदन का विरोध किया था कि चिदंबरम ने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया है और उन्हें जारी किए गए समन का उचित जवाब नहीं दिया है।

    सॉलिसिटर जनरल से अपने सबमिशन के संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हुए बेंच ने कहा कि हलफनामा दायर करने के बाद उस पहलू पर बाद में विस्तार से विचार किया जा सकता है।

    अदालत ने फिलहाल आवेदक को प्रार्थना के अनुसार 25 अक्टूबर से 21 नवंबर 2021 के बीच विदेश यात्रा करने की अनुमति दी।

    पीठ ने कहा कि चिदंबरम द्वारा प्रतिवादी को अग्रिम नोटिस देने के बाद 30 सितंबर को आवेदन दायर किया गया था और इसे पहले भी दो मौकों पर स्थगित किया जा चुका है।

    पीठ ने आगे दर्ज किया कि आज (25 अक्टूबर) जब आवेदक अपने आवेदन में बताई गई योजना के अनुसार विदेश जाना चाहता है तो सॉलिसिटर जनरल द्वारा पहली बार यह कहा गया है कि संबंधित अधिकारी ने एक शपथ पत्र में यह संकेत दिया है कि आवेदक ने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया और 30 जून 2021 को उन्हें जारी किए गए समन का उचित जवाब नहीं दिया।

    आवेदक को पूर्व के अवसरों पर निर्दिष्ट सामान्य शर्तों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। आवेदक की प्रार्थना पर विदेश यात्रा की शर्त के रूप में जमा की जाने वाली राशि को घटाकर एक करोड़ रुपए कर दी गई।

    बेंच ने अगले माह 22 नवंबर 2021 को आवेदन को अधिसूचित करने का निर्देश दिया है।

    सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आवेदक विदेश जा रहा है, लेकिन उन्हें जानकारी मिली है कि आवेदक सहयोग नहीं कर रहा है।

    चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा,

    "सहयोग नहीं कर रहे?"

    एसजी मेहता ने स्पष्ट किया कि चिदंबरम आवश्यकता पड़ने पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराते हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में आज ही हलफनामा दाखिल करने की भी मांग की।

    कार्ति चिदंबरम के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एसजी के आरोपों का जवाब दिया और प्रस्तुत किया कि चिदंबरम को जनवरी 2020 से कोई समन नहीं मिला है। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल को विदेश जाना है, और सिब्बल ने एसजी से उक्त समन दिखाने के लिए कहा जो उन्होंने चिदंबरम को भेजा है। .

    सिब्बल ने कहा,

    "उन्हें 22 तारीख को उड़ान भरनी है। हमने तीन महीने पहले ही यूनियन को बताया था। यह उचित नहीं है। उन्हें समय पर आना चाहिए। कम से कम आपने जो समन भेजा है, उसे दिखाएं।"

    पीठ ने हालांकि यह देखते हुए आवेदक को यात्रा करने की अनुमति देने का फैसला किया कि चिदंबरम द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने से संबंधित एसजी द्वारा उठाए गए मुद्दे को बाद में हल किया जा सकता है और इस संबंध में हलफनामा भी दायर किया जाए।

    कार्ति आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जिनकी ईडी और सीबीआई द्वारा एयरसेल-मैक्सिस, आईएनएक्स सौदों में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में जांच की जा रही है। कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी।

    केस शीर्षक: कार्ति पी चिदंबरम बनाम प्रवर्तन निदेशालय

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