सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड ने फाइलिंग और लिस्टिंग प्रक्रिया, ऑनलाइन उपस्थिति आदि के बारे में चिंता जताई
Shahadat
12 Sept 2024 10:53 AM IST
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने मामलों की फाइलिंग, रजिस्ट्रेशन और लिस्टिंग, ऑनलाइन उपस्थिति और पत्र संचलन के बारे में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के समक्ष चिंता जताई।
SCOARA सचिव निखिल जैन ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को 137 AOR द्वारा हस्ताक्षरित अभ्यावेदन भेजा, जिसमें निम्नलिखित मुद्दे उठाए गए:
(1) समय-सीमा का अभाव और दोष अधिसूचित करने और ठीक करने की प्रक्रिया में देरी: इसमें मामले के ऑनलाइन दाखिल होने और डायरी नंबर जेनरेट होने के बाद दोषों को ठीक करने में रजिस्ट्री की ओर से देरी शामिल है। यह दायर किए गए मामले के सत्यापन में अन्य प्रक्रियात्मक देरी पर भी जोर देता है।
AOR ने सुझाव दिया, "मानक संचालन प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, जिसके तहत रजिस्ट्री को ईमेल संचार जारी करके औपचारिक रूप से अंतरवर्ती आवेदनों के रजिस्ट्रेशन में दोषों/अभी भी दोषों को सूचित करना होगा तथा मामले में पारदर्शिता लाने और प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए समय पर उन्हें भेजना होगा"
(2) समय-सीमा का अभाव तथा पेपरबुक की स्कैन की गई प्रतियों को अपडेट करने में देरी: AOR ने कहा कि पेपरबुक की स्कैन की गई प्रतियां या तो ई-पोर्टल पर अपलोड की जाती हैं, जिसमें बहुत देरी होती है या अपलोड ही नहीं की जाती हैं। साथ ही संदेश प्रदर्शित होता है-स्कैन की गई पेपरबुक उपलब्ध नहीं है।
(3) वापसी योग्य तिथियों के लिए अधिसूचित मामलों को हटाना/अग्रिम सूची में दिखाए गए मामले: AOR ने नोट किया कि बहुत बार विशेष रूप से निर्देशित मामले उनकी सुनवाई की तिथि पर सूचीबद्ध नहीं किए जाते हैं या अंतिम समय में पूरक सूची के तहत जोड़े जाते हैं।
इसी तरह कई बार अग्रिम सूची या साप्ताहिक सूची में दिखाए गए मामले या तो सूचीबद्ध नहीं होते हैं, या उस क्रम का पालन नहीं करते हैं, जिसमें उन्हें अग्रिम/साप्ताहिक सूची में सूचीबद्ध दिखाया गया, जिससे लिस्टिंग के बारे में और अनिश्चितताएं पैदा होती हैं।
AOR ने इस बात पर जोर दिया,
"अग्रिम सूची/साप्ताहिक सूची में दिखाए गए मामलों में निश्चित अनुक्रम का पालन सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए, जिससे सभी संबंधित पक्षों को उन मामलों के बारे में बेहतर जानकारी हो, जिन्हें सूचीबद्ध किए जाने और सुनवाई किए जाने की संभावना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि अचानक/बिना बारी के लिस्टिंग के कारण कोई स्थगन न मांगा जाए।"
इसके अतिरिक्त, AOR ने मांग की-
(1) AOR के लिए दोपहर के भोजन के समय तक ऑनलाइन उपस्थिति पोर्टल सुलभ बनाया जाए, जिससे वे उपस्थित हो सकें।
(2) पत्र संचलन की अनुमति दी जाए, जिससे वास्तविक कारणों को, जहां मामलों को नहीं उठाया जा सकता है, माननीय न्यायालय के समक्ष रखा जा सके और हितधारकों को फाइलें पढ़ने में असुविधा न हो।