खेल संस्थाओं में शुद्धता और स्वतंत्रता लाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत : कबड्डी महासंघ विवाद पर सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

5 Feb 2025 9:44 AM IST

  • खेल संस्थाओं में शुद्धता और स्वतंत्रता लाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत : कबड्डी महासंघ विवाद पर सुप्रीम कोर्ट

    कबड्डी महासंघ से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि भारत में खेल महासंघों के चुनाव में "शुद्धता, निष्पक्षता, स्वायत्तता और स्वतंत्रता लाने" और "ऐसे लोगों को बाहर निकालने के लिए कुछ कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है, जिन्होंने अपने निहित स्वार्थ के लिए खेल महासंघ पर एकाधिकार कर लिया है।"

    खंडपीठ ने एशियाई कबड्डी महासंघ के तथाकथित अध्यक्ष द्वारा भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) को लिखे गए पत्र की आपत्तिजनक सामग्री पर गौर किया और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से CBI जांच की संभावना के बारे में पूछा, जिसमें इंटरपोल की भी भूमिका हो सकती है और महासंघ की मान्यता से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    अदालत ने टिप्पणी की,

    “हस्तक्षेपकर्ताओं और प्रशासक की ओर से दिए गए मौखिक प्रस्तुतियों को ध्यान में रखते हुए और एशियाई महासंघ के तथाकथित अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक भाषा का भी संज्ञान लेते हुए हमें लगता है कि चुनाव प्रक्रिया में शुद्धता, निष्पक्षता, स्वायत्तता और स्वतंत्रता लाने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है, खासकर ऐसे लोगों को बाहर करने के लिए, जिन्होंने अपने निहित स्वार्थ के लिए खेल महासंघ पर एकाधिकार कर लिया है।”

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ प्रियंका और पूजा द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 20 से 25 फरवरी से ईरान में आयोजित होने वाले एशियाई कबड्डी महासंघ में भाग लेने की अनुमति मांगी गई। उनकी भागीदारी संदेह के घेरे में है, क्योंकि AKFI को अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (जो कथित तौर पर भारत में रजिस्टर्ड प्राइवेट कंपनी है) द्वारा निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि AKFI को खेल और युवा विकास मंत्रालय की मान्यता प्राप्त है, जबकि 'अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ' को कोई सरकारी मान्यता नहीं है। यह केवल स्वघोषित निकाय है।

    न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल को चार प्रमुख बिंदुओं पर तत्काल निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया:

    (i) खेल संघों, विशेष रूप से भारतीय कबड्डी महासंघ की मान्यता के संबंध में विवाद के समाधान के लिए कूटनीतिक चैनलों की खोज करना।

    (ii) CBI के निदेशक खेल महासंघ के मामलों में इंटरपोल जैसी अंतर्राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की सहायता से प्रभावी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय जांच के लिए एक जांच तंत्र का सुझाव देंगे।

    (iii) यह सुनिश्चित करना कि कबड्डी खिलाड़ियों और अन्य खिलाड़ियों को ईरान में आगामी एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी जाए।

    (iv) यह पता लगाना कि क्या भारतीय कबड्डी महासंघ की मतदाता सूची वैध और पारदर्शी है और क्या राज्य इकाइयों का प्रतिनिधित्व वास्तविक रूप से निर्वाचित/मनोनीत व्यक्तियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें राष्ट्रीय महासंघ के शासी निकाय के चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है।

    मामला अगली बार 6 फरवरी, 2024 को सूचीबद्ध किया गया।

    केस टाइटल: प्रियंका और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य।

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