BREAKING| Stray Dogs Case : ABC नियमों पर अनुपालन हलफनामा दाखिल न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने States/UTs के मुख्य सचिवों को तलब किया
Shahadat
27 Oct 2025 12:05 PM IST

आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (States/UTs) के मुख्य सचिवों को पशु जन्म नियंत्रण नियमों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल न करने पर तलब किया।
22 अगस्त को कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने सोमवार को पाया कि केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही अनुपालन हलफनामा दाखिल किया। इसलिए कोर्ट ने चूक करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को अगले सोमवार को उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया कि अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुनवाई के दौरान चूक करने वाले राज्यों की ओर से कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।
इस घटनाक्रम पर असंतोष व्यक्त करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि कोर्ट ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया। साथ ही इस आदेश की व्यापक रूप से रिपोर्टिंग भी की गई।
जस्टिस नाथ ने कहा,
"लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और देश की छवि विदेशी देशों की नज़रों में खराब दिखाई जा रही है। हम भी समाचार रिपोर्टें पढ़ रहे हैं।"
जज ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे से भी विशेष रूप से पूछा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार ने अनुपालन हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया।
जस्टिस नाथ ने कहा,
"राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ने हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया? मुख्य सचिव स्पष्टीकरण दें...अन्यथा जुर्माना लगाया जा सकता है और कठोर कदम उठाए जा सकते हैं...सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए गए...आपके अधिकारी अखबार या सोशल मीडिया नहीं पढ़ते? सभी ने इसकी सूचना दी...एक बार जब उन्हें पता चल जाए तो उन्हें आगे आना चाहिए! सभी मुख्य सचिव 3 नवंबर को उपस्थित रहें, अन्यथा हम सभागार में अदालत का संचालन करेंगे।"
न्यायालय "आवारा कुत्तों से परेशान शहर, बच्चे कीमत मांग रहे हैं" शीर्षक से स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रहा था।
संक्षेप में मामला
11 अगस्त को न्यायालय की दो-जजों की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए था। हालांकि, उनकी रिहाई पर रोक लगा दी थी। ये निर्देश नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद के अधिकारियों पर भी लागू किए गए। हालांकि, बाद में मामला तीन-जजों की पीठ के पास भेज दिया गया, जिसने 22 अगस्त को इन निर्देशों पर रोक लगाई, क्योंकि उनका मानना था कि उपचारित और टीकाकृत कुत्तों को छोड़ने पर रोक "बहुत कठोर" है।
इसके बाद मामले का दायरा पूरे भारत में बढ़ा दिया गया और पीठ ने स्पष्ट किया कि अधिकारियों द्वारा उठाए गए आवारा कुत्तों को ABC नियमों के अनुसार, उसी क्षेत्र में उपचार/टीकाकरण के बाद वापस छोड़ दिया जाएगा। हालांकि, रेबीज से संक्रमित, रेबीज से संक्रमित होने का संदेह वाले और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों के लिए अपवाद बनाया गया।
Case Title: IN RE : 'CITY HOUNDED BY STRAYS, KIDS PAY PRICE', SMW(C) No. 5/2025

