Stray Dogs Case | 'उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आना होगा': सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से किया इनकार

Shahadat

31 Oct 2025 11:15 AM IST

  • Stray Dogs Case | उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आना होगा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से किया इनकार

    सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को प्रत्यक्ष रूप से पेश होने से छूट देने की याचिका खारिज की।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से इनकार किया और अपने निर्देशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई।

    जस्टिस नाथ ने कहा,

    "नहीं, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आने दीजिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालत उन समस्याओं से निपटने में समय बर्बाद कर रही है, जिनका समाधान नगर निगम और राज्य सरकारों को वर्षों से करना चाहिए था... संसद नियम बनाती है, कोई कार्रवाई नहीं होती। हम उनसे अनुपालन हलफनामा दाखिल करने की अपेक्षा करते हैं, लेकिन वे इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं! अदालत के आदेश का कोई सम्मान नहीं! उन्हें आने दीजिए, हम उनसे निपट लेंगे। उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आकर बताना होगा कि अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया! फिर उन्हें अनुपालन हलफनामा दाखिल करना होगा।"

    एसजी ने दलील दी कि अनुपालन हलफनामे दाखिल कर दिए गए। हालांकि, खंडपीठ ने कहा कि ये हलफनामे सुनवाई की अंतिम तिथि के बाद दाखिल किए गए होंगे, क्योंकि उस दिन कोर्ट के समक्ष केवल तीन हलफनामे ही थे।

    गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पशु जन्म नियंत्रण नियमों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल न करने पर तलब किया था।

    उल्लेखनीय है कि केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही कोर्ट के 22 अगस्त के निर्देशों का पालन करते हुए अनुपालन हलफनामे दाखिल किए। इसलिए कोर्ट ने चूक करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को अगले सोमवार को उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया कि अनुपालन हलफनामे क्यों दाखिल नहीं किए गए।

    कोर्ट ने यह भी नोट किया कि सुनवाई के दौरान चूक करने वाले राज्यों की ओर से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इस घटनाक्रम पर असंतोष व्यक्त करते हुए जस्टिस नाथ ने कहा कि कोर्ट ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए और इस आदेश की व्यापक रूप से रिपोर्टिंग भी की गई।

    Case Title: IN RE : 'CITY HOUNDED BY STRAYS, KIDS PAY PRICE', SMW(C) No. 5/2025

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