'ED में कुछ गड़बड़ है': ASG एसवी राजू ने हलफनामे पर कहा, सुप्रीम कोर्ट बोला- गंभीर मामला
Shahadat
17 Jan 2025 6:17 AM

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (ASG) ने शुक्रवार (17 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चौंकाने वाला बयान दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कुछ 'गड़बड़' है।
ASG ने जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुयान की खंडपीठ को बताया, जो PMLA मामले में जमानत याचिका पर विचार कर रही थी कि ED का जवाबी हलफनामा 'अधूरा' है और उचित जांच के बिना दाखिल किया गया।
ASG ने मामले की सुनवाई शुरू होते ही कहा,
"जहां तक मेरे विभाग का सवाल है, इसमें कुछ गड़बड़ है। बिना परामर्श के ही हमारे द्वारा पेश होने से पहले ही जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया गया।"
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह आरोपी को जेल में रखने की रणनीति है।
ASG ने कहा,
"कल मैंने पाया कि हलफनामा दाखिल करने में कुछ गड़बड़ है। हलफनामा जांच एजेंसी द्वारा जांचे बिना दाखिल किया गया, यहां तक कि जांच एजेंसी को तथ्य भी नहीं बताए गए।"
ASG के इस कथन से पीठ हैरान रह गई और जस्टिस ओक ने ASG से कहा,
"जवाबी हलफनामा आपके वकील द्वारा ही दाखिल किया गया होगा।"
हालांकि ASG ने कहा कि AOR को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि हलफनामा ED से आया था। विधि अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ED निदेशक को विभागीय जांच शुरू करने के लिए कहा।
ASG ने कहा,
"कृपया इसे मंगलवार को रखें। मैं हलफनामे की जांच करना चाहता हूं। मैंने व्यक्तिगत रूप से निदेशक से विभागीय जांच शुरू करने और संबंधित अधिकारी को आज अदालत में उपस्थित रहने के लिए कहा है। मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है, मुझे अपनी तरफ से जांच करने दें। विभाग में इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए। AOR को दोष नहीं दिया जाना चाहिए, यह उचित चैनलों द्वारा जांचे बिना ED से आया है।"
असंतुष्ट प्रतीत होते हुए खंडपीठ ने पूछा कि AOR निर्देशों के बिना हलफनामा कैसे दाखिल कर सकता है।
जस्टिस ओक ने पूछा,
"ED ने कहा। के लिए एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड हलफनामा दाखिल करता है और अब ED कहना चाहती है कि यह निर्देशों के बिना दायर किया गया, हम इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं?"
ASG ने जवाब दिया,
"निर्देशों के बिना नहीं। यह बिना सत्यापन के ED से आया। ED में कुछ गड़बड़ है, जो मुझे कहना चाहिए।"
इसके बाद पीठ ने मामले को छोड़ दिया और AOR को पेश होने के लिए कहा।
जस्टिस ओक ने कहा,
"हम इस पर विचार करेंगे। यह मुद्दा भी बहुत गंभीर मुद्दा है।"